Book Title: Kasaypahudam Part 14
Author(s): Gundharacharya, Fulchandra Jain Shastri, Kailashchandra Shastri
Publisher: Bharatvarshiya Digambar Jain Sangh
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उवसमसेढीए अप्पाबहुअपरूवणा
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§ ३२४. एसो ओदरमाणसुहुमसांपराइयस्स पढमसमये गहेयव्वो । ण वेदस्स पुव्विलादो विसेसाहियभावो असिद्धो, ओदरमाणसुहुमाणियट्टि-अपुव्वकरणद्धाहिंतो उवसंतद्धाए संखेज्जदिभागमेत्तेणब्भहियस्सेदस्स तस्सेव विसेसाहियभावसिद्धीए बाहा - वलंमादो ।
अपुव्वकरणस्स
पढमसमयगुणसेढिणिक्खेवो
विसेसाहिओ ।
$ ३२५. एसो वि अपुव्वाणियसिहुमद्धा हिंतो अंतोमुहुत्तेणन्भहिओ, किंतु ओदरमाणद्धाहिंतो चडमाणद्वाणं विसेसाहियत्तमस्सियूण पुब्बिन्लादो एदस्स विसेसा - हियभावो समत्यव्वो ।
* उवसामगस्स
* उवसामगस्स कोधवेदगद्धा संखेज्जगुणा |
$ ३२६. किं कारणं १ सेढीदो हेट्ठा चेव पुव्वमंतो मुहुत्तकालमप्पमत्तभावेण वट्टमाणस्स को वेदगकालेण सह अपुव्वाणियद्विकरणेसु पडिबद्धकोहोदयकालस्स विवक्खियत्तादो |
* अधापवत्तसंजदस्स गुणसेढिणिक्खेवो संखेज्जगुणो ।
$ ३२७. किं कारणं ? हेट्ठा पडिवदमाणयेण अधापवत्तसंजदपढमसमये वट्टमाणेण पुव्विल्ल गुण सेढिणिक्खेवायामादो संखेज्जगुणायामेण णिक्खित्तगुण सेढिणिक्खे
$ ३२४. यह उतरनेवाले सूक्ष्मसाम्परायिकके प्रथम समयका लेना चाहिये । और इसका पूर्व कालसे विशेष अधिकपना असिद्ध नहीं है, उतरनेवालेके सूक्ष्मसाम्पराय, अनिवृत्तिकरण और अपूर्वकरणके कालसे उपशान्त कालके संख्यातवें भागमात्र अधिक इसके उसीके विशेष अधिकप की सिद्धिमें बाधा नहीं पाई जाती ।
* उपशामक जीवके अपूर्वकरणके प्रथम समयमें गुणश्रेणिनिक्षेप विशेष अधिक है ।
$ ३२५. यह भी अपूर्वकरण, अनिवृत्तिकरण और सूक्ष्मसाम्परायके कालसे अन्तर्मुहूर्त अधिक है, किन्तु उतरनेवालेके कालसे चढ़नेवालेका काल विशेष अधिक होता है इस प्रकार इस नियमका अवलम्बन लेकर पूर्व कालकी अपेक्षा यह विशेष अधिक है इस बातका समर्थन करना चाहिये ।
* उपशामक जीवका क्रोधवेदककाल संख्यातगुणा है ।
$ ३२६. क्योंकि श्रेणिसे नीचे ही पहले अन्तर्मुहूर्तकाल तक अप्रमत्तभावसे विद्यमान हुए जीवके क्रोधवेदनकालके साथ अपूर्वकरण और अनिवृत्तिकरणमें प्राप्त हुआ क्रोधका उदयकाल प्रकृतमें विवक्षित है ।
* अधःप्रवृत्तसंयतका गुणश्रेणिनिक्षेप संख्यातगुणा है ।
$ ३२७. क्योंकि जो नीचे गिरता हुआ अधःप्रवृत्तसंयत के प्रथम समयमें विद्यमान है वह पूर्व में कहे गये गुणश्रेणिनिक्षेपके आयामसे संख्यातगुणे आयामवाले गुणश्रेणिनिक्षेपको इसलिये