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नव तत्व
४२ प्रकार के शुभ फल -१ साता वेदनीय २ तिर्यच आयुष्य युगल मे ३ मनुष्यायुष्य ४ देव आयुष्य ५ मनुष्यगति ६ देवगति ७ पचेन्द्रिय की जाति ८ औदारिकशरीर ६ वैक्रियशरीर १० आहारक शरीर ११ तेजस्शरी १२ कार्मण शरीर १३ औदारिक अङ्गोपाङ्ग १४ वैक्रिय अङ्गोपाङ्ग १५ आहारक अङ्गोपाङ्ग १६ वज्रऋषभनाराचसघयन १७ समचतुरस्र सस्थान १८ शुभ वर्ण १६ शुभ गन्ध २० शुभ रस २१ शुभ स्पर्श २२ मनुष्यानुपूर्वी २३ देवानुपूर्वी २४ अगुरु लघु नाम २५ पराघात नाम २६ उच्छ्वास नाम २७ आताप नाम २८ उद्योत नाम २६ शुभ चलने की गति ३० निर्माण नाम ३१ तीर्थं कर नाम ३२ त्रसनाम ३३ बादर नाम ३४ पर्याप्त नाम ३५ प्रत्येक नाम ३६ स्थिर नाम ३७ शुभ नाम ३८ सौभाग्य नाम ३६ सुस्वर नाम ४० आदेश नाम ४१ यशोकीर्ति नाम और ४२ उच्च गोत्र ।
पुण्य के इन भेदो को जानकर पुण्य आदरेगे उन्हे इस भव में व पर भव मे निरावाध सुखो की प्राप्ति होवेगी।
४ : पाप तत्त्व के लक्षण तथा भेद - पाप तत्व
जो अशुभ करणी से, अशुभ कर्म के उदय से, अशुभ, मेला पुद्गल का बध पडे व जिसके फल भोगते समय आत्मा को कडवे लगे, उसे पाप तत्त्व कहते है। पाप के १८ भेद -
१ प्राणातिपात २ मृषावाद ३ अदत्तादान ४ मैथुन ५ परिग्रह ६ क्रोध ७ मान ८ माया ६ लोभ १० राग ११ द्वेष १२ कलह १३ अभ्याख्यान १४ पैशुन्य १५ परपरिवाद १६ रति-अरति १७ माया मृषावाद १८ मिथ्यादर्शनशल्य ।