________________ सम्ममममममन्याल DESIGREZI + 5 _ (28) पातबस पर्सन में कर्म के जाति प्रायु मोर मोग ये वीम तरा केपिपाक पतलापमा जैन दर्शन में फर्म सम्बन्ध में रिये गये पियारक सामन पर पर्गन नाम मात्र का। मारमा क साथ कर्म का पम्म कसे होता है। किन पिन / कारयो साता। किस कारण से चर्म में सी राशि पदा हाती!कर्म प्रधिक से अधिक भोर कम से कम किसने समय तक भारमाफ साप लगाएसमता मारमासाप लगाएमा मी फर्म कितने समय तक विपाने में असमर्थ / है। पिपाक का नियत समय मीपसायासकटापा नहीं! : पदि पवला जा सकता है तो उसके लिये पैसा मारमपरिणाम प्रायस्पक पक कर्म भम्प कर्म कप परन सकता! उसकी पम्प कासीम तीम मन्द गायों किस प्रकार पपगी मा. सकती! पीसे विपाक ने पासा पर्म परोकप और फिम तरा मोगा जा सकता है। फितना मी बापमान कम पोनरो पर पसका पिपाक रायमारिमक परिणामों से कैसे राक रिया गावामी कमी मारमा के स्वया मया करने | परमीम अपना पिपापविना मागवाये नहीपटवा मारमा किस तराफर्म का कर्ता भीर मौका है। इसमाने पर मी पशुमा भारमा में फर्म का कर्तृत्व और मोमवाव किस प्रकार महीसागसप परिणाम अपनी मारपंप शक्ति से प्रारमा पर एक प्रकार की सम एका पदम किस दरासस भास्मा बीर्य शशिमाधिर्मावकारा इस सासपालको फिम तयरा फरासिमामत्ता मामी कर्म के प्रमापसे किस किस प्रकार मसिन सा पीतामीर पायगामापरयों के होने पर मी सपनाम: