________________ ( 15. ) सावा है कि सभपसप्पिपी कास में पतपिशति तीरों में से 14 तीरदेष मीटिंग में मगमा भीमशिनापसी हैं। पचपि इस विषय को मामाप माना गपा। सपापि स्त्री का वीपैकराना वो सिखापया। प्र शिप-'नमो मोप सम्बसार" इस सब में मोप में। पापमान साधुवत को तो नमस्कार मिपागपाकिम "नमोसोए सम्मसाइली इस प्रकार साम्बी को नमस्कार माती किया गया / इसका क्या कारण पर-समयकार मैके पंच पड़ों में पंच पापियों को। नमस्कार पिपा गपातु सिंग पिरोपको / सिसिये पहा: पर ममोहोए सम्मसाासी इस पाठ को प्रापस्यकता नही है। वैसे कि 'नमो भरिवार' ऐमे पर तो नकार - मंगपिमा "नमोतित्यपरा" ऐसे पार नहीकारण कि परिवत' पर एक गुप विरोप (संश) पापि और वीकर पर पकनाम पम की पुष्प प प्रकृति वापर प्रति किसी जीव कोपी मास होती।किन्तु 'मविसमा पानापरणीय बर्गनापरपीप मोहमीप और अन्तरापमा योने से उपसम्म हो सकती है।पापा तीर्थकर पा सामान्य ही में गुस्प होती। सहिये 'नमो भरिता पर पकिसगत।फिम्परफार मंत्र में मोतिरपपरा पर मावश्यकता नही थी इसलिये हम पर को स्थान श्रीम रिया गया। इसी प्रकार सिर भाचार्य पाप्याय और मा पाइपिपप म मी जानना चाहिए / कारपसापत्य भारी और पुरुष दामो मे मा माता मनिये AM /