________________ जास्तमम NE - - - EKHEDEONE- - - देगा परिशीतन मोगा तब कासान कर देगा। इसी प्रकार कुसग दोप होता है। जैसे कि सुरों की पावे मानते राोगे तष पन भीर समाचारका मायरोता रहेगा यदि सन की पात माननी कोरोगे तब साति पा मपने पर सफ लग सापगा। भता कुसग सर्वथा दी स्पाम्प है। शिप्प-रे भगवन् ! मापमित करने से किस मुख मासि हो जाती - गुरु-शिष्य ! प्रापमित्त धारण करने से भारम सरि / होगाती कारण कि मापारिमायोपोप द्वारा मस्म दो गाने से फिर मारमा निर्मल हो जाता है। शिप्प- भगवन् / मन्तिम समय में भी भगवान के वपनों की सम्पापा मारापमा करने से किस फल की प्राप्ति होती! गुरु-शिप्य 'अन्तिम समय म मारापना करम से प्रारमा मारापिक होमाता जिस से पहजीपी निपात पर की प्राप्ति के पाग्य हो जाता है। प्रता मापु समय मिरमाप धारण करके सम्पग पर्थन पान भीरबारिप की पूर्णतपा मारापना करनी चादिए जिस स मामा सर्पया कर्म पापन सरपर मप सुप की माप्ति कर सका शिप-मगपम् / श्रम ग्रामों में भी जाति को धर्म क्रियामा क करने में पुरुष ममान अधिकार दिए गए। पा पुष्प सम्पन भपिकार कथन किये। - गा-८ शिष्य 'मन शाखा में नामानि का पारि -पान म मोर मजिपामो पलो पिपप में - LALLIA-1-J- मामामात