________________ RELIEF-REमरताना E नाबादि के पास - - - // निजस्वरूप में होता।परभमूर्त इस कारपमावि निधि माष मी ममतं सिराए। इसलिये परमाणुमो नाम नही सका / अब पनप नहीं मा, तब भठाय पापों की निपचिके माय बर्ष रस पंप भीर स्पर्ग से रिती सिर पए। इसलिये ममपपापों की निति अपर्क मास मगरम और भस्पर्श पाली कपन की गई। शिम्प- मगवन् ! भीत्पत्तिकी पेनपिकी गर्मजा भीर पारिपामिनी-पास हुदिपीपा प्रापी! गुरु-शिष्य ! पारो प्रकार की पुनियाँ बीष गुरु होने से मापी।मिस प्रकार प्रारमा भबपी पदार्थ उसी प्रकार ग्रीवादि के बुद्धिमापि गुप मी मरूपी मापी सियतम नमें पुमत का समाप नितान्त नहीं माना मा सम्वा / कारण फिरूपी पदार्य पुरस पी भम्प कोई मी पौषि पवार्य रूपी नहीं है। शिप्प मगर ! जिस प्रकार बुद्धि प्ररूपी पनकी / नई सी प्रकार अपप्रा डा (अनाकारोपपोप) प्रभाग | मीर पारणा (साबारोपयोग) ये मी मरूपी। गुरु शिप्प ! क चारों भी जीव गुप होने से | मापी। शिप्प- भगवा . रुपा करके अपमा हा प्रवास | और पारहा-नारों का अप पवाए, जिससे इसके का पोप होगाप। पर-शिप्प!म्मान रेकर इनके भपको सुनो। सामान्य पान को अपमापासे इस से पिशिशपाप का नाम अटः -EX - की - नम्फार