Book Title: Jain Dharm Shikshavali Part 08
Author(s): Atmaramji Maharaj
Publisher: 

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Page 195
________________ LATESEX ( 1 ) पदि तुमारे पियार राम और पवित्र है और तुम्हारी पासी में सादयता वो तुम्हारी पापातिका चयहोगापमा और पर्मशीलता की भमिचि होगी। सेवामाप को प्रदर्शित करने वाला और बिमन पर मित्र माता और बात से शाम पापाता। येशम जो किसापपता से पूर्ण और वा से रहित होतसोक मौर परलोकदोनों ही जगहमाम पांचते है। भूति प्रिय रागों के अन्दर गो मापुरता है उस अनुभष करने के बाप मी मनुप्प र रामों का प्पबहार करना क्यों नही चोरता। 10 मीठे शो केराते हुए भी मो ममुप्प काय का प्रयोग करता परमानो पके फल को धोडपर कपा फल खाना पसन्द करता है। SEXमामा - -- -- कृताता पासान करके विचार से रहित होकर यो पा रिनतारातीहै स्वर्ग मर्प दोनों मिकर मी सका परता मही पुका सकत। २मारत पायो मारपानी की जाती पारगमे में चोरी भीमगर पर तमाम दुनिया से ज्पावरापजनदार। : बाइपास को छोड़कर जो मसा की जाती पर / समुद्र से भी अधिक पसपती है। किमी म प्राम किया ामा साम की सरा पोरा LALJIERIEEEE .--

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