________________ पानमसामाSEE: नाम इस स्थान पर पर भी कामो सकती किब प्रहब। काम माता या स्पस परि परमारमा में लीन होगाती पा सम्माषस्था में हो जाती है। पदि प्रथम पर प्रार करोगे। तब तो परमात्मा र मिभित सियो गापमा। स्पोकि सब रसमें सब महति समा गई तब पर भी गाता : मासा हो गया तथा फिर उसका सर्व पापक गुरमी मर। हो गया क्योंकि जिसमें पाम्पापक था सपही पदार्पन : पावो मना फिर पापक फिस में ! परि दिदीय पर स्वीकार किया जाप ! तब पाशा उत्पध होती है कि सूक्ष्म अगत् द्वारा कहाँ पर! पॉफि रस काल में तुम पाफाश का भी प्रभाष मान लिपा / फिर तुमने सम्म से स्थत जगत् का ईतर मारा होना माम किपा / सो पाकपन / मी युक्ति युक्त नही पोफिया सूक्ष्म अगत् स्पून कप में किस मकार से मापा सका तुमारे पास भी पाय युक्त प्रमाय नी पोधि भनादि निपम कमी भी परि। पर्सन नही किया जा सकता 1 से पुनोत्पत्ति माता पिता मारावी होती तो फिर परमारमा सम सगरम कप में किस मकार स किया / परि ऐसा मे कि मादि परि बिना मैथुन से होती है तो फिर इस में पर्शकाएँ उत्पम्म होती है कि जब परमारमा ने युगों की प्रादि पर बिना मैपुन से पत्पम्न र दी तो फिर भय पों पर बनाए पड़े पड़ाए युवक भाषा मरण समदी मम देवा! प्र फ्योरिअप पासता फिर शक्ति ते ए पास 4 हात मोगमा गर्मपात रोगाम्म सायरी मातामा की इस -SE राण