________________ IER-यावर ( 18 ) | मी माता मांति विपनाई गई, पापहारिक शिकायों का मी विमरमराया गया। मुरता के कारण से सो मन हो पाते हमका मी दिमन कराया गया है। भतारे 35 गापाएं मस्पर पिपा काठस रखने पोप्प६ मिन से रनको अपमेसम्म का मसी मांति शानो माप। अप प्रभ पहपस्थित होता कि महामोनीपफर्म की रकर स्थिति तिमी पर्पन की गईस प्राम के पत्तर में कामाता पिमोहनीयकर्म कीर खिात गोराफोर मागरोपम की प्रतिपादन की गई जिस स्थिति का प्रसस्प कास पमता ।प्रत रक्त कमी माप मारमा पर्सम कास कमनुभव करने वाले मौकी उपासना करसताबिस से। माधर्ममार्ग से परास्मुख होकर चारों गतिपो में मापा प्रथम कर्मों का अनुमब करता सग पूपिषी भारि कापों में सक्त स्पितिका भनुम करतेनिफर्ष पानिपसाNि / पुरुपों को उक्त .. महामोहनीय कर्मों का प्रासेवन पापि मकरमा बाहिर पोफिनके मासेवन से मारमा सम्मार्ग म पतित होकर कुमार्गमामी बन भावा प्रतापेममयापि अंगीकृत नपरणे चाहिएं। म पनि पैसा कहा जाप कि इससे निति किस प्रकार सकती है। इस प्रश्न के उत्तर में कहा गावास शामोपाम्पाप पवित्र मारमामा की संगति काम. राम्प और निर्माण पर में पूर्व मिठा से क्स कमी से बसको सिसका प्रम्तिम फल निधार पर की प्राप्ति हो जाता है। Sea- मरम EBOEGSEFFEIE EXEHarm उपनाम: