________________ EXCHAKRAXAXARKARTAKIXXXRXXMRATE ( 41 ) Xoom- m: द्वारा जिस तरह शुभ कर्मों का अशुभविपाक हो जाता है ठीक उसी प्रकार हिंसादि अशुभ क्रिया कर के फिर अन्तःकरण से पश्चात्तापादि क्रियाओं द्वारा अशुभ कर्मों का शुभ विपाक अनुभव किया जाता है। क्योंकि कर्मों के कारण में मुख्यतया श्रात्मा के भाव ही लिये जाते है तथा उन भावों से कर्म से निवृत्ति और प्रवृत्ति देखी जाती है। SAALLER