________________ SEXREAKERLIERTIES m-sur-site-ite Prestate restrict csxxx xxxxxxxxxxxxxxxxx2XX प्र०-उधोत नाम कर्म किसे कहते है ? उ०-जिस कर्म के उदय से उद्योत रूप शरीर हो। जैसे चन्द्र मंडल नक्षत्रादि / प्र०-गुरुलघु नाम कर्म किसे कहते हैं ? उ०-जिस कर्म के उदय से जीव का शरीर न शीशे के गोले के समान भारी हो और न अर्फतूल के समान हलका हो। प्र०-तीर्थकर नाम कर्म फिसे कहते हैं ? उ०-जिस नाम कर्म के उदय से तीर्थकर पद की प्राप्ति हो।। प्र०-निर्माण नाम कर्म किसे कहते हैं ? उ०-जिस फर्म के उदय से अंग और उपांग शरीर में अपमे अपने स्थान में व्यवस्थित रहें। प्र०-उपघात नाम कर्म किसे कहते हैं ? __उ०—जिस कर्म के उदय से जीव अपने ही अवयवों (पड़ सीम छठी अंगुली आदि) से क्लेश को पावे / प्र०—स नाम कर्म किसे कहते है ? ___ उ०-जिस कर्म के उदय से द्वीन्द्रियादि प्रस काय की माप्ति हो। प्र०-चादर नाम कर्म किसे कहते हैं ? उ०—जिस कर्म के उदय से जीव को यादर स्थूल काय प्राप्ति हो। प्र०-पर्याप्त नाम कर्म किसे कहते हैं ? उ०-जिस कर्म के उदय से जीव अपनी अपनी पर्याप्तियों म से युक्त हो। PICARRIERRIODXXCOMBEEXXXXXXXXXXXXX