________________ EacetaSERIES 15LEC Forx - - एष खु नासीयो सारं न हिंसा पिसे / मस्सिा समय पर एवापत विवाशिया // 1 // भावार्थ-मी भगवान् प्रतिपादन पर किोभायो ! हामी पान प्राप्त करने का पही सारो किसी भी जीव की हिंसा नहीं करें। योंकि तानों का सारभूव पक मरिसा भगवतीही भा - 1 इस कथन मया मनी मांति सिरोमाता बाम का भार एक मासिाही पॉफि पपिपिचों मम्ममा ] करके फिर रिसा में लग पाये तो पापिया महीपत। / भविषारीमपा महामताहीमावा रिसा में। / सरीईन रिसा मे / मता मारिसासापको मनी मोति जान कर फिर रिसा मगवनी के मामपोर किशकश्याप पा परोपकार प्रयास करना जाए। ___मब इस स्पान पर प्रश्न पाउपस्थित होतालिबास्तव): में मरिसा भगवतीबा स्वाप पाt! समसमा ll पान में कहा गाता कि / EPTE: प्रमचपोगात् पासम्पपरोपर्व हिंसा (वत्ता पूर्व प्र. ) इम पत्र में इस विषय का विधान किपा गया कि ममच योग मे जो मानों का प्रतिपात करणारे उसी पानामा अपात् गरेप के पशीभूत होकर जो प्रम्प माणियों प्रागा का पारसकरला पास्तव में दिसा उसी का नाम हैपपपि रिसा भनक फारशीसहोती। पापित - -- --