Book Title: Gyanpanchami Katha
Author(s): Maheshwarsuri, Jinvijay
Publisher: Singhi Jain Shastra Shiksha Pith Mumbai

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Page 28
________________ www.jainelibrary.org www सिंघी जैन ग्रन्थमाला ... बजाना वादियोमरावरचनामाकारान्यतदयापंचम पलसावयालादमाहसाबालापासवयकवमाबाद लालयवयागहिंगमियरमापायकवालाएकसुना बाणावधालमाणाधपचारासहिाजहापचदिमा वादाश्मरमारिवानामगावामतरकालपिहचान गहमाक्षणाधमानानमासमाविताएवमीएकालपुरिमविवाणगहाणामा मननाणतिमदवायासबाणविमुद्यावादातरायपाइयरम्यारम्बादसिरदिया। दमदावनापरवयारहाणसासासाहाराजसाणयबासायहनापविवाहा महिलहोत्यादिशाएवाश्यकालमाणादाश्रवडायकायबानिलकदविवसाई लायसन्धावारवालाबजहाहाडाघाणसावधालझणयावरुनासादातहा। EHA - ersonal Use Only For Private & Personal Use Only सहसाससिमाजालतमाह जातालावावाखा सवालमादात सवण्ण्व लam RAO य HEART... 'नाणपंचमी कहांना प्राचीनतम ताडपत्रीय पुस्तकना आद्यन्न पत्रनी प्रतिकृति ernational Jain Education International

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