Book Title: Dravya Gun Paryayno Ras Dravyanuyog Paramarsh Part 06
Author(s): Yashovijay
Publisher: Shreyaskar Andheri Gujarati Jain Sangh

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Page 24
________________ • विषयमाहि1ि. વિષય વિષય ५४ ............. माम सने व्यवहार भु०४७ व्यवस्था स्वीर्य .... २०५० | तत्वार्थभाष्य संह वियार .................... २०६२ निश्चयथा संसारीमा ३५ २६°४२ ............ २०५० धमास्तिडायवरमा ५१ प्रशस्वभाव....:..२०६२ व्यवहाराभासित्वाधुच्छेदहेतूपदर्शनम् ................ २०५१ एकप्रदेशस्वभावयोजनम् . ...................... .२०६३ आप अभूर्तताने प्रावीमे ................. २०५१ मात्मानी में प्रदेशताने मागणी ............. २०६३ मौलिकाऽमूर्त्तत्वाऽऽविर्भावोपायप्रदर्शनम् ........... २०५२ सिद्धस्वरूपवर्णनम् .......... २०६४ પરમાણુમાત્ર પણ મારું દ્રવ્ય નથી. ............. २०५२ | मामाने स्थिर रीमे .. २०६४ सिद्धगुणसम्पत्सन्दर्शनम् . ...........२०५३ अस्तिकायतानियामकोपदर्शनम. २०६५ देवसेनस्य पुद्गले एकविंशतिधर्मापलापापत्तिः ..... २०५४ | ५ द्रव्यमा अनुपयरित भने प्रदेशता .......... २०६५ हिन२ मत समीक्षा .......... परमाणौ कायत्वसिद्धिः .............. ...................२०६६ युगपदेकत्र मूर्त्तत्वाऽमूर्त्तत्वसमावेशः . ..................२०५५ | ५२भाशुभ मारोपित भने प्रदेशता ............. २०६६ ५२भाशुभ अभूर्ततानो स्वी.१२ ४३२री ........... २०५५ | ५२मा 'आय' ५५ छ : पृष्टद्रव्यसंग्रह .......... २०६६ ५२भाशुभां अभूतस्वमा तात्वि:व्यवसामान्य... २०५५ | Saugi स्नि५-३क्षपरिम नथी ............. २०६६ उपचरितस्वभावविमर्शः .. .२०५६ | कालाणूनामनेकप्रदेशत्वविरहः ......................... २०६७ पुवाशुभ गौ अभूर्तता .. .............. २०५६ | A६४८यनासापेक्षनया भने प्रदेशता ......... २०६७ देवसेन-शुभचन्द्रमतसमीक्षा ....................... આપણે કાલાણ જેવા બનીએ ................ २०६७ देवसेनवयनमा वहतो व्याधात ..... २०५७ स्निग्ध-रूक्षपरिणामापादानम् आवश्यकम् ......... २०६८ शुमयंद्रमनिरास ......................... ......... २०५७ उत्सुत छोमे, शानयोत प्रगटावा ........ २०६८ देवसेन-शुभचन्द्रमतमीमांसा .......२०५८ प्रबुद्धः अन्तः तुष्यति............ २०६९ ५२मा अभूत ५। छ..................... विभावादिस्वभावग्राहकनयोपदर्शनम् ............... २०७० परमाणुस्वरूपप्रकाशनम् . ............२०५९ | विभावस्वमाया नयनो वियार ............. २०७० पुस ५२भाशुभां नैश्चयि भूर्तता .............. २०५९ विभावाऽशुद्धस्वभावभेदविमर्शः........................२०७१ પરમાણુલક્ષણપ્રદર્શન २०५९ २॥मिश्र येतना : विभावस्थामा ............ २०७१ तात्त्विकव्यवहारेण कार्मणकायः अरूपी ............ ६० | शुद्धनयप्रज्ञापना .............. ............२०७२ सूक्ष्मस्पोमा ५९ अभूतत्व अव्याहत ............ शुद्ध-अशुद्धस्वभावानयनी cem..........२०७२ પ્રમાણ-નય મર્યાદાથી વિપરીત સ્વીકાર निश्चय-व्यवहारनयव्याख्योपदर्शनम् ............ २०७३ મિથ્યાત્વજનિક .......... २०६० આલાપપદ્ધતિનો સંવાદ ................... २०७३ आध्यात्मिकसमन्वयदृष्टिः ग्राह्या ..................... मशुद्ध-शुद्धनयमते मात्म२१३५विमर्श............. २०७३ स्याबाहने वनमा वायु 40 ................ शुद्ध-अशुद्धस्वभाव निश्चय-व्यवहाविषय........ २०७३ नानानयानुसारेण एकप्रदेशत्वप्रतिपादनम् .......... २०६२ | संसारिजीवाऽभिव्यक्तिः विविधा ..................२०७४ અણુમાં એકપ્રદેશસ્વભાવ . |मात्मा २॥हिनो त मागेछ, छ ना ......... २०७४ २०५७ ................ २०६१

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