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विषय
द्वैतापत्ति
द्वैत बिना अद्वैत नहीं होता २६ पृथक्त्व - एकान्तकी सदोषता २७ एकत्वके लोपमें सन्तानादिक नहीं बनते
ज्ञानको ज्ञेयसे सर्वथा भिन्न
मानने में दोष
वचनोंको सामान्यार्थक माननेमें दोष
उक्त उभय तथा अवक्तव्य एकान्तोंकी सदोषता पृथक्त्व-एकत्व एकान्तोंका
अवस्तुत्व-वस्तुत्व
एकत्व - पृथक्त्व एकान्तोंकी निर्दोष व्यवस्था
देवागम
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विवक्षा तथा अविवक्षा सत्की ही होती है
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एक वस्तुमें भेद और अभेदकी अविरोध विधि
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नित्यत्व - एकान्तकी सदोषता ३३ प्रमाण और कारकोंके नित्य होनेपर विक्रिया कैसी ? ३४ कार्यके सर्वथा सत् होने पर उत्पत्ति आदि नहीं बनती नित्यत्वकान्त में पुण्य-पापादि नहीं बन क्षणिक -एकान्तकी सदोषता ३६ कार्यके सर्वथा असत् होनेपर दोषापत्ति
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क्षणिकान्तमें हेतु - फलभावादि
नहीं बनते
संवृति और मुख्यार्थकी
स्थिति
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चतुष्कोटि-विकल्पके अवक्तव्य
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की बौद्ध-मान्यता अवक्तव्यकी उक्त मान्यतामें
दोष
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निषेध सत्का होता है असत्का नहीं
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अवस्तुकी अवक्तव्यता और वस्तुकी अवस्तुता सर्वधर्मोके अवक्तव्य होनेपर उनका कथन नहीं बनता अवाच्यका हेतु अशक्ति, अभाव या अबोध ? क्षणिकान्त में हिंसा हिंसकादि
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की विडम्बना
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नाशको निर्हेतुक माननेपर दोषापत्ति विरूपकार्यारम्भके लिए हेतुकी मान्यता में दोष स्कन्धादिके स्थित्युत्पत्तिव्यय नहीं बनता
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उक्त उभय तथा अवक्तव्य
एकान्तोंकी सदोषता नित्य-क्षणिक - एकान्तोंकी निर्दोष व्यवस्थाविधि
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