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विषय-सूची विषय पृष्ठ विषय
पृष्ठ अनुवादकीय-मंगल-प्रतिज्ञा २ उक्त एकान्तोंकी निर्दोष-विधिदेवागमादि विभूतियाँ आप्त- व्यवस्था
१८ गुरुत्वकी हेतु नहीं
सत्-असत्-मान्यताकी निर्दोष
विधि बहिरन्तविग्रहादिमहोदय आप्त-गुरुत्वका हेतु नहीं ४
उभय तथा अवक्तव्यकी निर्दोष
मान्यतामें हेतु तीर्थकरत्व भी आप्त-गुरुत्वका
२०
अस्तित्वधर्म नास्तित्वके साथ हेतु नहीं; तब गुरु कौन ? ५
अविनाभावी
२० दोषों तथा आवरणोंकी पूर्णतः ।
नास्तित्वधर्म अस्तित्वके साथ हानि संभव सर्वज्ञ-संस्थिति ७
अविनाभावी निर्दोष सर्वज्ञ कौन और किस ।
शब्दगोचर-विशेष्य विधि
निषेधात्मक हेतुसे ?
२१ सर्वथैकान्तवादी आप्तोंका
शेष भंग भी नय-योगसे स्वेष्ट प्रमाण-बाधित
अविरोधरूप
२२ सर्वथैकान्त-रक्तोंके शुभाऽशुभ ।
वस्तुका अर्थक्रियाकारित्व कब
बनता है कर्मादिक नहीं बनते ९
धर्म-धर्ममें अर्थभिन्नता और . भावैकान्तकी सदोषता १५
धर्मोंकी मुख्य-गौणता २३ प्रागभाव-प्रध्वंसाभावके विलोप
उक्त भंगवती प्रक्रियाकी एकामें दोष
ऽनेकादि विकल्पोंमें भी अन्योऽन्याभाव-अत्यन्ताभावके
योजना
२३ विलोपमें दोष
१६ अद्वत-एकान्तकी सदोषता २४ अभावैकान्तकी सदोषता १७ कर्मफलादिका कोई भी द्वैत । उक्त उभय और अवक्तव्य नहीं बनता । एकान्तोंकी सदोषता १७ हेतु आदिसे अद्वैत-सिद्धिमें
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