Book Title: Aptamimansa
Author(s): Samantbhadracharya, Jugalkishor Mukhtar
Publisher: Veer Seva Mandir Trust

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Page 183
________________ ११४ समन्तभद्र-भारती ६८ o Nov 0 Y 15 ५८ जाव ५६ १०५ ज्ञेय कार्यकारणनानात्व ६१ चतुष्टय कार्यजन्म ४२ चामरादिविभूति कार्यद्रव्य १० चित्त,-सन्ततिनाश ५१, ५२ कार्यभ्रान्ति चित्र कार्यलिङ्ग चिदेव कार्यसिद्धि ८१ जाति ५८, ६८ कार्योत्पाद जीव,-शब्द ८४, ९९ कालभेद ज्ञान ३०, ९६, ९८, १०१, १०५ किंवत्तचिद्विधि १०४ ज्ञानस्तोक कुशलकर्म ज्ञापक ७५ केवलज्ञान ३०, १६ केवली ज्ञेयानन्त्य क्रमभावि क्रमार्पितद्वय तत्त्व ४५, ६०, १०१, १०५, क्रिया ११० २४, ४० तत्त्वज्ञान १०१ क्षणिक ११, १३, ४१, ५६ तत्त्वान्यत्व क्षणिकैकान्तपक्ष ४१ तत्त्वार्थदेशना ख, ग तदतद्वस्तु खपुष्प ४२. ५८, ६६, १११ तन्निभं खर-विषाण ५४ तर्कगोचर गति, गम्य ७६, १०३ तीर्थ-तीर्थकृत्समय गिरा त्याग गुण २८, ३६, ६१, गुण-गुण्यन्यता दधिवत गुण-मुख्य-विवक्षा दिवौकस्, दिव्य ० W० ० ० २ गुरु Com दूरार्थ चतुष्कोटि-विकल्प ४५, ४६ दूषणं WW Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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