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[ उत्तरार्धम् ]
" चतारिथ कोडिसया, श्रउणत्तीसं च हुंत्ति कोडीओ ।
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अडगाव लक्खा, ससद्धिं चेत्र य सहस्सा ॥ १ ॥
दो य लया छनउया, पंचमग्गो इमो विणिहिद्वो ।"
अर्थात् चार सौ उनतीस क्रोड़, उनचा सलाख सणसठ हजार दो सौ
छयानवे, वह पंचम वर्ग है
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इसका *यंत्र निम्न लिखित है:
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* यह गणना और यन्त्रावलि इसलिये दिखलाई गई है कि पाठकों को मनुष्य संख्या अक्षी प्रकार से ज्ञात हो जाय ।