Book Title: Anuyogdwar Sutram Uttararddh
Author(s): Atmaramji Maharaj
Publisher: Murarilalji Charndasji Jain

View full book text
Previous | Next

Page 260
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir [ उत्तरार्धम् ] कालसमोरे भावसमोआरे । नामठवणाओ पुव्वं भणिया जाव से तं भवियसरीरदव्वसमोरे । से किं तं जाणयसरीरभवियसरीरखइरिते दव्वसमोआरे ? तिविहे पण्णत्ते, तं जहा - प्रायसमोरे परसमोप्रारे तदुभयसमोयारे, सव्वदव्याविणं प्रायसमोच्चारेण आयभावे समोअरंति, परसमोआरेणं जहा कुडे बदराणि - तदुभयसमोआरेणं जहा घरे खंभो प्रायभावे अ, जहा घडे गीवा आयभावे अ । For Private and Personal Use Only २५५ अहवा जाणयसरीरभवियसरीरखइरित्ते दव्वसमोच्चारे दुविहे पत्ते, तं जहा - प्रायसमोआरे अ तदुभयसमो - आरे । चउसट्टिया आयसमोयारें आयभावे समोयरइ, तदुभयसमोयारेणं बत्तासिया समोयरइ अायभावे अ बत्तीसिया आयसमोआरेणं प्रायभावे समोयरइ तदुभयसमोयारेणं सोलसियाए समोयरइ आयभावे अ सोलसिया आयसमोयारें आयभावे समोयरइ, तदुभयसमोयारेणं अभइया समोर आयभात्रे अ, अट्टभाइया श्रायसमोआरेणं आयभावे समोयरइ, तदुभयसमोआरेण चउभा इयाएं समोर आयभावे अ चउभाइ श्रायसमश्रा. रेणं श्रायभावे समोअरइ, तदुभयसमोरे अद्धमाणीए समोअर आयभावे अ, अद्धमाणी श्रायसमोरेणं आयभावे समोअरइ, तदुभयसमो श्रारेण माणीए समोअरइ प्रायभावे असे ते जाणयसरीरभवियसरीरवइरित्ते दव्वसमोआरे । सेतं नोश्रागमन दव्वसमोरे, से तं दव्वमसोआरे " * कचिद् 'वारणा', पाठः ।

Loading...

Page Navigation
1 ... 258 259 260 261 262 263 264 265 266 267 268 269 270 271 272 273 274 275 276 277 278 279 280 281 282 283 284 285 286 287 288 289 290 291 292 293 294 295 296 297 298 299 300 301 302 303 304 305 306 307 308 309 310 311 312 313 314 315 316 317 318 319 320 321 322 323 324 325 326 327 328 329