Book Title: Anuyogdwar Sutram Uttararddh
Author(s): Atmaramji Maharaj
Publisher: Murarilalji Charndasji Jain

View full book text
Previous | Next

Page 298
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir २६३ [ उत्तरार्धम् ] कारण७ पच्चय८ लक्खणह, नए१० समोआरणाणु. मए११ ॥१॥ कि१२ कइविहं १३ कस्स१४ कहि १५,केसु१६ कह१७ किच्चिरं हवइ कालं१८ । कइ१६ संतर२० मविरहियं २१. भवा२२ गरिस २३ फासण२४ निरुत्ती२५ ॥ २ ॥ से त उवग्घायनिज्जुत्तिअणुगमे। __पदार्थ-(से किं तं अणुगमे ?) अनुगम किसे कहते हैं ? (अणुगमे) जो सूत्र के अनुकूल व्याख्या हो, अथवा जिसके द्वारा स्त्र को व्याख्या की जाती हो या गुरु वाचनादि देते हों उसे अनुगम कहते हैं, और वह (दुविहे परगत्ते,) दो प्रकार से प्रतिपादन किया गया है, (तं जहा.) जैसे कि- ( मुत्ताणुगमे अ ) सूत्रानुगम, जो सूत्र का व्याख्यान रूप हो और (निज्जुत्तिअणुगमे अ।) नियुक्त्यनुगम।। (से किं तं निज्जुत्तिणुगमे ?) नियुक्त्यनुगम किसे कहते हैं ? (निज्जुचिअणुगम) जिस नियुक्ति की व्याख्या की जाय उसे * नियुक्त्यनुगम कहते हैं, और वह (तिविहे पएणत्ते,) तीन प्रकार से प्रतिपादन किया गया है, (तं जहा.) जैसे कि-(निक्वेवनिज्जुत्तिअणु गमे) निक्षेप नियुक्त्यनुगम (उपग्यायनि जुत्तिग्रणु गमे) उपोद्धात नियुक्त यनुगम, और ( । सुत्तप्कासिनिज्जुतिअणुगमे ।) सूत्रस्पर्शिक नियुक्त्यनुगम । (से किं तं निक्खेवनिज्जुत्तिअणुगमे ? ) निक्षपनियुक्त्यनुगम किसे कहते हैं ? (निक्खेवनिज्जुरिअणुगमे ) निक्षेपादि द्वारा जिस नियुक्ति की व्याख्या की जाय उसे * नियुक्त्यनुगमश्च --नितरां युक्ताः-सूत्रेण सह लोलीभावेन सम्बदा नियुक्ता अर्थास्तेषां युक्तिः-स्फुटरूपतापादनम् । एकस्य युक्तशब्दम्य लोपानियुक्तिः-नामस्थापनादिप्रकारैः सूत्रविभननेत्यर्थः, तद्रूपोऽनुगमस्तस्य वा अनुगमो-व्याख्यानं नियुक्त्यनुगमः । अर्थात् नामस्थापनादि से अत्यन्त ही सूत्र के साथ अर्थ का जो सम्बन्ध है उसकी व्याख्या करना या नामस्थापनादि द्वारा विस्तारपूर्वक विभागतया जो सूत्र के व्याख्यान की पद्धति हो, उसी को नियुक्त्यनुगम कहते हैं। अर्थात् जो नियुक्ति सूत्र को स्पर्श करती हो उसे सूत्रस्पर्शिकनियुक्त्यनुगम कहते हैं । सूत्र स्पृशन्तीति सूत्रस्पर्शिका सा चासौ नियुक्तिश्च सूत्रस्पर्शिकनियुक्तिः । For Private and Personal Use Only

Loading...

Page Navigation
1 ... 296 297 298 299 300 301 302 303 304 305 306 307 308 309 310 311 312 313 314 315 316 317 318 319 320 321 322 323 324 325 326 327 328 329