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[ श्रीमदनुयोगद्वारसूत्रम् ] इस यंत्र की शुद्धि के लिये नीचे का कोष्ठक देखना चाहिये।
इसी राशि को इसी राशिके साथ अर्थात् ४२१४६६७२६६४४.६४६६७२६६ गुणा करने से छठा वर्ग निकलता है। जैसे कि-२८४४६७४४०७३७०.५५१६१६ । इसकी गिनती निम्नलिखित तीन गाथाओं द्वारा की जाती है। जैसे कि
"लखं कोडाकोडी, चउरासीयं भवे सहस्साई। चत्तारि म सत्तवा, हुति सया कोडीकोडीणं ॥ १ ॥ चउयालं लक्खाइ, कोडीणं सत्त चेव य सहस्सा।
तिनि य सया य सत्तरि, कोडीणं हुंति नायव्वा ॥२॥
पंचाणऊह लक्खा, एगावन्नं भवे सहस्लाइ। छस्सोलसोत्तरसया, एसो छट्ठो हवइ वग्गो ॥३॥"
भावार्थ-एक लाख चौरासी हज़ार चार छः सौ सरसठ क्रोडाकोडा, चौवालीस लाख सात हजार तीन सौ सत्तर कोड, पंचानवे लाख इक्यावन हज़ार छः सौ सोलह, यह छठा वर्ग होता है। ..
इसका यंत्र यह है--
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