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१३३) द्वादश अध्ययन
सचित्र उत्तराध्ययन सूत्र in
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रनो तहिं कोसलियस्स धूया, भद्द त्ति नामेण अणिन्दियंगी ।
तं पासिया संजय हम्ममाणं, कुद्धे कुमारे परिनिव्ववेइ ॥२०॥ कौशलिक राजा की अनिन्द्य सुन्दरी भद्रा नामक पुत्री ने ऋषि को इस प्रकार पिटते देखा तो क्रुद्ध कुमारों को शांत करने का प्रयास करने लगी ॥२०॥
The most beautiful Bhadrā, daughter of king Kausalika, when saw the monk beaten, she began to appease the angry youngsters. (20)
देवाभिओगेण निओइएणं, दिन्ना मु रन्ना मणसा न झाया ।
नरिन्द-देविन्दऽभिवन्दिएणं, जेणऽम्हि वन्ता इसिणा स एसो ॥२१॥ (भद्रा)-यक्ष देवता की बलवती प्रेरणा से प्रेरित होकर मेरे पिता राजा कौशलिक ने मुझे इनको प्रदान किया था; किन्तु इन मुनि ने मुझे मन से भी नहीं चाहा। मेरा परित्याग करने वाले ये ऋषि नरेन्द्रों और देवेन्द्रों द्वारा भी पूजित हैं ॥२१॥
(Bhadra) Impelled by the deity (Tinduka Yaksa) my father has given me to this very monk but this monk did not wish me even by mind, decliner of me, this great sage is worshipped by kings of men and gods. (21)
एसो हु सो उग्गतवो महप्पा, जिइन्दिओ संजओ बम्भयारी ।
जो मे तया नेच्छइ दिज्जमाणिं, पिउणा सयं कोसलिएण रन्ना ॥२२॥ ये वही उग्र तपस्वी, महात्मा, इन्द्रिय विजेता, संयत और ब्रह्मचारी हैं, जिन्होंने उस समय मेरे पिता राजा कौशलिक द्वारा मुझे इनको दिये जाने पर भी इन्होंने मेरी तनिक भी इच्छा नहीं की ॥२२॥
This is the same great seer, rigorous penancer, conqueror of senses, restrained and celibate, to whom my father king Kausalika gave me; but he did not wish me. (22)
महाजसो एस महाणुभागो, घोरव्वओ घोरपरक्कमो य ।
मा एयं हीलह अहीलणिज्जं, मा सव्वे तेएण भे निद्दहेज्जा ॥२३॥ ये मुनि महा यशस्वी, महानुभाग, घोरव्रती और घोर पराक्रमी हैं। ये अवहेलना योग्य नहीं हैं। इनकी अवहेलना मत करो। कहीं ऐसा न हो कि अपने तप-तेज से ये तुम सबको भस्म कर दें ॥२३॥
This monk possesses great fame and power, mightily strong, deep rooted in vows. Do him no wrong. He is not to be injured, lest he consume you all by his fire of penance. (23)
एयाइं तीसे वयणाइ सोच्चा, पत्तीइ भद्दाइ सुहासियाई ।
इसिस्स वेयावडियट्ठयाए, जक्खा कुमारे विणिवारयन्ति ॥२४॥ रुद्रदेव पुरोहित की पत्नी भद्रा के इन सुन्दर वचनों को सुनकर ऋषि हरिकेशबल की सेवा करने वाले यक्षों ने भी उन विप्रकुमारों को रोकने का प्रयत्न किया ॥२४॥ ___Hearing the well-said sweet-words of Bhadra, the wife of chief sacrificer Rudradeva, the servant Yaksas of sage Harikesabala, also tried to check-up the brahamana youngsters. (24)
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