Book Title: Agam 30 Mool 03 Uttaradhyayana Sutra Sthanakvasi
Author(s): Amarmuni, Shreechand Surana
Publisher: Atmagyan Pith

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Page 599
________________ ४९३) षट्त्रिंश अध्ययन सचित्र उत्तराध्ययन सूत्र The matter of bitter taste is sub-divisible with regard to colour, smell, touch and form; so it becomes of many types. (29) रसओ कडुए जे उ, भइए से उ वण्णओ । गन्धओ फासओ चेव, भइए संठाणओ वि य ॥३०॥ कटु (कड़वा) रस वाला पुद्गल-वर्ण, गंध, स्पर्श और संस्थान से भाज्य (अनेक विकल्पों वाला होता) है ॥३०॥ The matter of pungent taste is sub-divisible with regard to colour, smell, touch and form; so it becomes of several types. (30) रसओ कसाए जे उ, भइए से उ वण्णओ । गन्धओ फासओ चेव, भइए संठाणओ वि यं ॥३१॥ जो पुद्गल रस से कषाय-कसैला होता है, वह वर्ण, गन्ध, स्पर्श और संस्थान से भाज्य (अनेक विकल्पों वाला होता) है ॥३१॥ The matter of astringent taste is sub-divisible by colour, smell, touch and form; so it becomes of various types. (31) रसओ अम्बिले जे उ, भइए से उ वण्णओ । गन्धओ फासओ चेव, भइए संठाणओ वि य ॥३२॥ जो पुद्गल रस से अम्ल-खट्टा होता है वह वर्ण, गन्ध, स्पर्श और संस्थान से भाज्य (अनन्त विकल्पोंभेदों वाला होता) है ॥३२॥ The matter of sour taste is sub-divisible by colour, smell, touch and form, so it becomes of various types. (32) रसओ महुरए जे उ, भइए से उ वण्णओ । गन्धओ फासओ चेव, भइए संठाणओ वि य ॥३३॥ . जो पुद्गल मधुर रस वाला होता है, वह वर्ण, गन्ध, स्पर्श और संस्थान से भी भाज्य है ॥३३॥ The matter of sweet taste is sub-divisible by colour, smell, touch and form; so it becomes of many types. (33) फासओ कक्खडे जे उ, भइए से उ वण्णओ । गन्धओ रसओ चेव, भइए संठाणओ वि य ॥३४॥ जो पुद्गल कर्कश स्पर्श वाला होता है, वह वर्ण, गन्ध, रस और संस्थान से भी भाज्य है ॥३४॥ The matter of hard touch is sub-divisible with regard to colour, smell. taste and form. (34) फासओ मउए जे उ, भइए से उ वण्णओ । गन्धओ रसओ चेव, भइए संठाणओ वि य ॥३५॥ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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