Book Title: Agam 30 Mool 03 Uttaradhyayana Sutra Sthanakvasi
Author(s): Amarmuni, Shreechand Surana
Publisher: Atmagyan Pith

View full book text
Previous | Next

Page 600
________________ सचित्र उत्तराध्ययन सूत्र जो पुद्गल मृदु-कोमल स्पर्श वाला होता है, वह वर्ण, गन्ध, रस और संस्थान से भी भाज्य है ॥३५॥ The matter of soft touch is divisible by colour, smell, taste and form. (35) त्रिश अध्ययन [ ४९४ फासओ गुरुए जे उ, भइए से उ वण्णओ । गन्धओ रसओ चेव, भइए संठाणओ वि य ॥३६॥ जो पुद्गल स्पर्श से गुरु भारी होता है, वह वर्ण, गन्ध, रस और संस्थान से भी भाज्य है ॥ ३६ ॥ The matter of heavy touch is divisible by colour, smell, taste and form. (36) फासओ लहुए जे उ, भइए से उ वण्णओ । गन्धओ रसओ चेव, भइए संठाणओ वि य ॥३७॥ जो पुद्गल लघु - ( हलका ) स्पर्श वाला होता है, वह वर्ण, गन्ध, रस और संस्थान से भी भाज्य होता है ॥३७॥ The matter of light touch is divisible by colour, smell, taste and form. (37) फासओ सीयए जे उ, भइए से उ वण्णओ । गन्धओ रसओ चेव, भइए संठाणओ वि य ॥ ३८ ॥ जो पुद्गल शीत स्पर्श वाला होता है, वह वर्ण, गन्ध, रस और संस्थान से भी भाज्य होता है ॥३८॥ The matter of cold touch is divisible by colour, smell, taste and form. (38) फासओ उण्हए जे उ, भइए से उ वण्णओ । गन्धओ रसओ चेव, भइए संठाणओ वि य ॥ ३९ ॥ जो पुद्गल उष्ण (गर्म) स्पर्श वाला होता है, वह वर्ण, गन्ध, रस और संस्थान से भी भाज्य होता ॥३९॥ The matter of hot touch is divisible by colour, smell, taste and form. (39) Jain Education International फासओ निद्धए जे उ, भइए से उ वण्णओ । गन्धओ रसओ चेव, भइए संठाणओ वि य ॥ ४० ॥ स्निग्ध स्पर्श वाला पुद्गल - वर्ण, गन्ध, रस और संस्थान से भी भाज्य होता है ॥४०॥ The matter of smooth touch is divisible by colour, smell, taste and form. (40) फासओ लुक्खए जे उ, भइए से उ वण्णओ । गन्धओ रसओ चेव, भइए संठाणओ वि य ॥ ४१ ॥ रूक्ष स्पर्श वाला पुद्गल-वर्ण, गन्ध, रस और संस्थान से भी भाज्य होता है ॥ ४१ ॥ The matter of rough touch is divisible by colour, smell, taste and form. (41) परिमण्डलसंठाणे, भइए से उ वण्णओ । गन्धओ रसओ चेव, भइए फासओ वि य ॥४२॥ For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 598 599 600 601 602 603 604 605 606 607 608 609 610 611 612 613 614 615 616 617 618 619 620 621 622 623 624 625 626 627 628 629 630 631 632 633 634 635 636 637 638 639 640 641 642 643 644 645 646 647 648 649 650 651 652