Book Title: Agam 30 Mool 03 Uttaradhyayana Sutra Sthanakvasi
Author(s): Amarmuni, Shreechand Surana
Publisher: Atmagyan Pith

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Page 639
________________ ५३३] षट्त्रिंश अध्ययन सचित्र उत्तराध्ययन सूत्र , चौथे ग्रैवेयकवासी देवों की अधिकतम आयुस्थिति छब्बीस (२६) सागरोपम की और न्यूनतम आयुस्थिति पच्चीस सागरोपम की होती है ॥२३७॥ Longest age duration of the gods of fourth Graiveyaka is of twentysix sāgaropamas and shortest is of twentyfive sāgaropamas. (237) सागरा सत्तवीसं तु, उक्कोसेण ठिई भवे । पंचमम्मि जहन्नेणं, सागरा उ छवीसई ॥२३८॥ पाँचवें ग्रैवेयकवासी देवों की उत्कृष्ट आयुस्थिति सत्ताईस (२७) सागरोपम की और जघन्य आयुस्थिति छब्बीस (२६) सागरोपम की होती है ॥२३८॥ Longest age duration of the gods of firfth Graiveyaka is of twentyseven sägaropamas and shortest is of twentysix sägaropamas. (238) सागरा अट्ठवीसं तु, उक्कोसेण ठिई भवे । छट्टम्मि जहन्नेणं, सागरा सत्तवीसई ॥२३९॥ छठे ग्रैवेयकवासी देवों की उत्कृष्ट आयुस्थिति अट्ठाईस (२८) सागरोपम की और जधन्य आयुस्थिति सत्ताईस (२७) सागरोपम की होती है ॥२३९॥ Longest age duration of the gods of sixth Graiveyaka is of twentyeight sägaropamas and shortest is of twentyseven sägaropamas. (239) सागरा अउणतीसं तु, उक्कोसेण ठिई भवे । सत्तमम्मि जहन्नेणं, सागरा अट्ठवीसई ॥२४०॥ सातवें ग्रैवेयकवासी देवों की उत्कृष्ट आयुस्थिति उन्तीस (२९) सागरोपम की और जघन्य आयु स्थिति अट्ठाईस (२८) सागरोपम की होती है ॥२४॥ Longest age duration of the gods of seventh Graiveyaka is of twentynine sāgaropamas and shortest is of twentyeight sāgaropamas. (240) तीस तु सागराइं, उक्कोसेण ठिई भवे । अट्ठमम्मि जहन्नेणं, सागरा अउणतीसई ॥२४१॥ आठवें ग्रैवेयकवासी देवों की उत्कृष्ट आयुस्थिति तीस सागरोपम की और जघन्य आयुस्थिति उन्तीस (२९) सागरोपम की होती है ॥२४१॥ Longest age duration of the gods of eighth Graiveyaka is of thirty sāgaropamas and shortest is of twentynine sāgaropamas. (241) सागरा इक्कतीसं तु, उक्कोसेण ठिई भवे । नवमम्मि जहन्नेणं, तीसई सागरोवमा ॥२४२॥ ___ नौवें ग्रैवेयकवासी देवों की उत्कृष्ट आयुस्थिति इकत्तीस (३१) सागरोपम की और जघन्य आयुस्थिति तीस सागरोपम की होती है ॥२४२॥ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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