Book Title: Agam 30 Mool 03 Uttaradhyayana Sutra Sthanakvasi
Author(s): Amarmuni, Shreechand Surana
Publisher: Atmagyan Pith

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Page 576
________________ An सचित्र उत्तराध्ययन सूत्र चतुस्त्रिंश अध्ययन [४७० The longest duration of black tinge is of thirtythree sågaras and shortest duration is ten sāgaras plus innumerable part of one palyopama. (43) एसा नेरइयाणं, लेसाण ठिई उ वण्णिया होइ । तेण परं वोच्छामि, तिरिय-मणुस्साण देवाणं ॥४४॥ यह नैरयिक जीवों की लेश्याओं की स्थिति का वर्णन किया गया है। इससे आगे तिर्यंच, मनुष्य और देवों की लेश्याओं की स्थिति का वर्णन करूँगा ॥४४॥ This description is made of duration of tinges of hellish beings. Now further I shall express the duration of tinges regarding crooked beings (animals, creatures, birds etc.,), human beings and deities-gods. (44) अन्तोमुत्तमद्धं, लेसाण ठिई जहिं जहिं जा उ । तिरियाण नराणं वा, वज्जित्ता केवलं लेसं ॥४५॥ केवला शुक्ल लेश्या को छोड़कर (वर्जित करके) तिर्यंचों अथवा मनुष्यों की जहाँ-जहाँ, जो-जो हैं, उनकी लेश्याओं की जघन्य और उत्कृष्ट स्थिति अन्तर्मुहूर्त काल की होती है ॥४५॥ Exepting white tinge, the longest and shortest duration is less than 48 minutes (antarmuhurta) of all men and animals where there are those. (45) मुहुत्तद्धं तु जहन्ना, उक्कोसा होइ पुव्वकोडी उ । नवहि वरिसेहि ऊणा, नायव्वा सुक्कलेसाए ॥॥४६॥ शुक्ल लेश्या की जघन्य स्थिति अन्तर्मुहूर्त काल की और उत्कृष्ट स्थिति नौ वर्ष कम एक करोड़ पूर्व की समझनी चाहिए ॥४६॥ The shortest duration of white tinge is antarmuhúrta and longest duration is nine years less one crore purvas. (46) एसा तिरिय-नराणं, लेसाण ठिई उ वण्णिया. होइ । तेण परं वोच्छामि, लेसाण ठिई उ देवाणं ॥४७॥ यह तिर्यंचों और मनुष्यों की लेश्याओं की स्थिति का वर्णन हुआ। इससे आगे देवों की लेश्याओं की स्थिति का वर्णन करूँगा ॥४७॥ This is the description of duration of tinges regarding men and animals. Now further I shall describe the duration of tinges regarding deities-gods. (47) दस वाससहस्साइं, किण्हाए ठिई जहनिया होइ । पलियमसंखिज्जइमो, उक्कोसा होइ किण्हाए ॥४८॥ (भवनपति और वाणव्यन्तर देवों की) कृष्ण लेश्या की जघन्य स्थिति दस हजार वर्ष की होती है और कृष्ण लेश्या की उत्कृष्ट स्थिति पल्योपम के असंख्यातवें भाग की होती है ॥४८॥ (of Bhavanapati and Vāņavyantara deities). The shortest duration of black tinge is ten thousand years and longest duration is innumerable part of one palyopama. (48) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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