Book Title: Vipak Sutra
Author(s): Nemichand Banthiya, Parasmal Chandaliya
Publisher: Akhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh

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Page 19
________________ - [18] ११६ १५६ । १५८. १२६ १६७ १३१ .................................. ........................................... क्रं. विषय पृष्ठ | क्र. विषय . . वृहस्पतिदत्त नाम पांचवां अध्ययन | १००.दोहद पूर्ति '. १५२ ७८. प्रस्तावना .. ११४ | १०१.उम्बरदत्त नामकरण ७६. पूर्वभव पृच्छा ११५ | १०२.उम्बरदत्त रोगग्रस्त १५५ ८०. महेश्वरदत्त द्वारा पापाचार . १०३.भविष्य पृच्छा ८१. भविष्य-पृच्छा ૧૨૧ शौरिकदत्त नामक आठवां अध्ययन नंदिवर्द्धन नामकं छठा अध्ययन १०४.प्रस्तावना ' ८२. प्रस्तावना १२३ १०५.पूर्व भव पृच्छा .. . १५६ १०६.श्रीयक की हिंसकवृत्ति १६१ ८३. गौतम स्वामी की जिज्ञासा ८४. भगवान् का समाधान १०७.श्रीयक की नरक उत्पत्ति १६४ १६४ ८५. दुर्योधन के उपकरण १०८.शौरिकदत्त का जन्म . ८६. नरक में उत्पत्ति | १०६.शौरिकदत्त की महावेदना ११०.कृत कर्मों का फल १६८ ८७. नंदिषेण के रूप में जन्म १११. भविष्य-पृच्छा १७० ८८. नंदिषेण का षड्यंत्र ८९. षड्यंत्र विफल और सजा . १३५ देवदत्ता नामक नववां अध्ययन ६०. भविष्य-पृच्छा ११२.प्रस्तावना १७२ ११३.पूर्वभव-पृच्छा १७३ उम्बरदत्तनामकसातवांअध्ययन ११४.भगवान् का समाधान १७४ ६१. प्रस्तावना १३८ ११५.श्यामा देवी का आतंध्यान १७५ ६२. दृश्य पुरुष की दयनीय दशा ११६.सिंह सेन का दुष्कृत्य .. १७६ ६३. पूर्वभव-पृच्छा ११७.देवदत्ता के रूप में जन्म ६४. धन्वतरि वैद्य की हिंसक मनोवृत्ति ११८.देवदत्ता का रूप-लावण्यः . . १८२ ६५. नरक में उपपात ११९.देवदत्ता की याचना, १८३ ६६. गंगादत्ता की व्यथा . १४६ | १२०.देवदत्ता का राजा को अर्पण के सागरदत्त का मनोरथ १४६ | १२१,देवदत्ता का विवाह .१८७ ६८. गंगादत्ता की मनौती | १२२.पुष्यनंदी द्वारा मातृसेवा १८८ ६६. गंगादत्ता का दोहद १५१ | १२३.श्रीदेवी की अकाल मृत्यु ... १८६ १३६ १३६ १४२ १४६ - १८६ १४६ पा Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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