________________
विषयानुक्रमणिका
विपाक सूत्र दुःख विपाक नामक प्रथम श्रुतस्कन्ध
ܩ
܇
܇ ܇
१२/
क्रं. विषय पृष्ठ | क्रं. विषय
पृष्ठ मृगापुत्र नामक प्रथम अध्ययन | १७. रोगोपचार के प्रयास . १. प्रस्तावना
| १८. मृगादेवी की कुक्षि में . २. सुधर्मा स्वामी का पर्दापण ४] १६. गर्भ का असर ३. जंबू स्वामी की पृच्छा
२०. गर्भ नाश का प्रयास और सुधर्मा स्वामी का उत्तर २१. मृगापुत्र की गर्भस्थ अवस्था ४. मृगापुत्र वर्णन
| २२. मृगापुत्र के रूप में जन्म ५. जन्धान्ध पुरुष का वर्णन ११/ २३. राजा की आज्ञा ६. जन्मान्ध पुरुष भगवान् की सेवा में । | २४. पुत्र का भूमिगृह में पालन ७. गौतम स्वामी की जिज्ञासा
२५. आगामी भव की पृच्छा ८. गौतम स्वामी का प्रयोजन
उज्झितक नामक द्वितीय अध्ययन ६. मृगापुत्र को ही देखने की भावना - १५ २६. प्रस्तावना १०. मृगापुत्र के भोजन की तैयारी १६ / २७. प्रभु का पदार्पण . ११. माता द्वारा मृगापुत्र को दिखलाना १७/ २८. वध्य पुरुष का वर्णन १२. गौतम स्वामी का चिंतन १६ २६. पूर्व भव पृच्छा . १३. पूर्वभव पृच्छा
२० | ३०. भगवान् का समाधान १४. ईकाई राष्ट्रकूट का परिचय २१ | ३१. भीम नामक कूटग्राह १५. ईकाई रोगग्रस्त
२४ | ३२. उत्पला को दोहद १६. राष्ट्रकूट की घोषणा
२६ / ३३. उत्पला की चिंता
Jain Education International
For Personal & Private Use Only
www.jainelibrary.org