Book Title: Tirthankar Mahavira aur Unki Acharya Parampara Part 3
Author(s): Nemichandra Shastri
Publisher: Shantisagar Chhani Granthamala
View full book text
________________
श्री जुगलकिशोर मुख्तारने काष्ठासंघनन्दितटगच्छकी गुर्वावली उल्लिखितकी है। इस गुर्वावली में निम्नलिखित आठ आचार्यों का निर्देश आया है - १. अर्हद्वल्लभसूरि २ पंचगुरु, ३. गंगसेन, ४. नागसेन, ५. सिद्धान्तसेन, ६. गोपनीय और ८. राम । इस गुर्वावलोके आधार पर रामसेन और नागसेनको काष्ठासंचके नन्दितदगच्छ और विद्यागणका आचार्य बताया है ।
चन्द्रकीर्तिने पार्श्वपुराणको प्रशस्ति में रामसेनको विद्यागणका अधीश्वर, सूरिविद्यामनवध, स्याद्वादविद्याका निवास, विशदवृत्त और कीर्तिमान प्रकट किया है। भट्टारक श्रीभूषणने पाण्डवपुराण में भी रामसेनका उल्लेख किया है । अतएव इन समस्त उल्लेखोंके आधारपर यही कहा जा सकता है कि तत्त्वानुशासनके रचयिता मुनि रामसेन सेनगणके आचार्य है ।
स्थिति-काल
नागसेनके नाम और समयपर विचार करनेसे ज्ञात होता है कि इस नामके कई आचार्य हुए हैं। प्रथम वे नागसेन हैं, जो दशपूर्वके पाठी थे और जिनका समय वि० सं० से २५० वर्ष पूर्व है । दूसरे नागसेन वे हैं, जो ॠषभसेन गुरुके शिष्य थे और जिनका उल्लेख श्रवणबेलगोलाके शिलालेख नं० १४ में आया है । इनका समय वि० सं० ७५७ है। तीसरे नागसेन के हैं जो चामुण्डराय के साक्षात् गुरु और भजिससेनके प्रगुरु थे और जिनका चामुण्डरायपुराण में आचार्य कुमारसेनके बाद उल्लेख भाया है । इस पुराणका रचनाकाल वि० सं० १०३५ है । चतुर्थ नागसेन वे हैं जिन्हें रानी अमकादेवीने 'गोणद वेर्डागि' जिनालय के लिए ई० सन् १०४७ में भूमिदान किया था और जो मूलसंघ सेनगण और पोगरिगच्छ के आचार्य थे'। पंचम नागसेन नन्दितटगच्छको गुर्वावली के अनुसार गंगसेन के उत्तरवर्ती तथा सिद्धान्तसेन और गोपसेनके पूर्ववर्ती हुए हैं। इनका समय दशवीं शताब्दीका मध्यकाल है । अतएव नागसेनके समय के आधारपर रामसेनका समय भी निर्णीत किया जा सकता है | हमारा अनुमान है कि मूलसंघ सेनगण और मोगरिगच्छ के विद्वान् आचार्य नागसेन हो रामसेनाचार्य के गुरु हैं । अतएव रामसेनका समय ई० सन् १०४७ के आसपास होना चाहिए।
श्री नाचार्य जुगलकिशोरजी मुख्तारने तत्त्वानुशासनकी प्रस्तावना में रामसेन समयकी पूर्व सीमा वि० सं० ९०० निर्धारित की है । वि० की १३वीं १. Jainism in South india, Page 106
२३६ : तीर्थंकर महावीर और उनकी आचार्य- परम्परा
:
·