________________ सिद्ध-सारस्वत मङ्गल आशीर्वाद क्षुल्लक प्रवर श्री गणेशप्रसादवर्णी द्वारा संस्थापित श्री स्याद्वाद महाविद्यालय वाराणसी, शान्तिनिकेतन कटनी, तथा महामना मदनमोहन मालवीय द्वारा संस्थापित काशी हिन्दू विश्वविद्यालय वाराणसी में अध्यात्म और आधुनिक विषयों का अध्ययन करके आपने जैन और जैनेतर जगत् में ख्याति अर्जित की है। भारत राष्ट्र के महामहिम राष्ट्रपति श्री प्रणवमुखर्जी जी से सम्मान पत्र प्राप्त किया है। अ.भा. दि.जैन विद्वत्परिषद् के महामन्त्री भी रहे हैं। जैन और जैनेतर दर्शनों का अध्ययन करके जैन सिद्धान्तों की महत्ता को प्रकट किया है। आपका जो यह अभिनन्दन ग्रन्थ प्रकाशित हो रहा है वह समयोचित है। आप सुदीर्घ काल तक जिनवाणी की सेवा करते हुए संयम के मार्ग पर चलते रहें / यही हमारा मंगल आशीष है। प.पू. पट्टाचार्य 108 श्री वर्धमान सागर जी महाराज