________________
अंधक
7
परंपराओं का पालन प्यार + हिं० (पु०) प्रेम में अंधा हो जाना; ~ प्रभंजन (पु० ) अंधड़ ~ भक्त (पु० ) अटूट प्रेम एवं विश्वास करनेवाला; ~ भक्ति (वि०) बिना सोचे-समझे श्रद्धा एवं विश्वास; युग (पु० ) ( इतिहास में) अंधकार युग - विश्वास (पु० ) विचारहीन विश्वास; विश्वासी (वि०) बिना सोचे समझे विश्वास करनेवाला; वीरता (वि०) विवेकशून्य बल-प्रयोग; ~व्यवस्था अनुचित एवं ग़लत इंतजाम; ~ व्यवस्थापक विचारहीन एवं बुरी व्यवस्था करनेवाला; श्रद्धा (स्त्री०) विवेक शून्य श्रद्धा अंधक - I सं० (वि०) अंधा II (पु०) एक दैत्य अंधकार - सं० (पु० ) 1 अँधेरा 2 अज्ञाने । ~मय (वि०) प्रकाशरहित; युग (पु० ) ऐसा युग जिसका इतिहास ज्ञात न
आईना
कुआँ दीया
अंधकाराच्छन्न-सं० (वि०) अंधकार से घिरा हुआ अंधकारावृत्त-सं० अंधकार से घिरा हुआ अंधा - I ( वि०) 1 बिना आँख का 2 प्रकाशरहित 3 विचार शून्य 4 अँधेरा (स्थान) II ( पु० ) नेत्रहीन प्राणी । (पु० ) शीशा जिसमें साफ़ तस्वीर न दिखाई दे; (पु० ) 1 प्रकाशहीन कुआँ 2 जल रहित कुआँ; (पु० ) धुँधली रोशनी वाला दीपक; अंधे की लकड़ी एक मात्र सहारा; ~बनना मूर्ख बनना; ~बनाना 1 उल्लू बनाना 2 ठगना; अंधे के आगे रोए अपना दीदा खोए मूर्ख के समक्ष अपना दुःख कहना; अंधे के हाथ बटेर लगी अनायास या अचानक मूल्यवान वस्तु की प्राप्ति; अंधों में काना राजा मूर्खों में अपने को बड़ा समझना अंधाकुप्प - ( पु० ) घुप अँधेरा
अंधाधुंध - I ( अ० ) 1 बिना सोचे समझे 2 बेहिसाब II (वि०) विवेकहीन III (स्त्री०) 1 गहन अंधकार
2 अव्यवस्था
=
अंधानुकरण-सं० (पु०) बगैर सोचे-समझे नकल करना अंधानुकृत-सं० (वि०) अविवेकपूर्वक नकल किया हुआ अंधानुकृति - (स्त्री०) अंधानुकरण अंधानुगामी - सं० (पु० ) बिना सोच विचार के कार्य करनेवाला अंधानुयायी -सं० (पु० ) बिना सोचे समझे अनुसरण करनेवाला अंधापन - ( पु० ) अंधा होने की अवस्था अँधियारा - (वि०) अंधेरा
अँधियारी, अंधिपाली - (स्त्री०) अंधकार अंधेर - (पु० ) 1 अनीति 2 अशान्ति। खाता (पु० ) 1 अव्यवस्था 2 गलत लेखा जोखा गर्दी + हिं० + फ़्रा० बदइंतजाम; ~ नगरी (स्त्री०) ऐसा स्थान जहाँ नीति, नियम, व्यवस्था का अभाव हो
अँधेरा - I ( पु० ) 1 अंधकार 2 नैराश्य 3 छाया II ( वि० ) प्रकाशहीन । गुप्प (घुप्प ) ( पु० ) गहन अंधकार; ~पाख (पक्ष) (पु०) कृष्ण पक्ष; ~ मिटना दुःख दूर हो जाना; अँधेरे घर का उजाला घर की कार्ति बढ़ाने वाला; अँधेरे मुँह सवेरा होने से पूर्व; ~सा पड़ना उदासी छा जाना अंधेरिया - (स्त्री०), अँधेरी (स्त्री०) 1 अंधकार 2 कृष्ण पक्ष । ~कोठरी का यार छिपा हुआ प्रेमी; ~ डालना या देना 1 दुर्गति करना 2 धोखा देना
अंधेरी- (स्त्री०) अंधेरा
अकंपित
अँधेरे-उजेले -समय-असमय
अँघोटी - (स्त्री०) घोड़े या बैल की आँख पर डाला जानेवाला
परदा
अंधौरी - (स्त्री०) एक प्रकार का चर्म रोग (अम्हौरी) अंबर -सं० (पु० ) 1 आकाश 2 वस्त्र 3 परिधि 4 एक सुगंधित खनिज । ~डंबर ( पु०) सूर्यास्त समय की लाली; पुष्प (पु०) असंभव बात; खेलि + हिं० (स्त्री०) आकाशबेल अंबरात सं० (पु० ) 1 क्षितिज 2 वस्त्र का किनारा अंबा-सं० (स्त्री०) 1 माता 2 पार्वती अंबापाली - (स्त्री०) अमरस
अंबार - फ्रा० (पु० ) ढेर, राशि अंबारी - अ० (स्त्री०) मंडपनुमा हौदा अंबिका-सं० (स्त्री०) 1 जननी 2 दुर्गा 3 पार्वती अंबिया - (स्त्री०) आम का टिकोरा, छोटा कच्चा आम अंबु - सं० (पु० ) 1 जल 2 जन्म कुंडली में चौथा स्थान 3 चार की संख्या । ज (वि०) 1 कमल 2 ब्रह्मा
अंबुद-सं० (वि०) बादल
अंबुधि - सं० (५०) समुद्र अंबुरूह -सं० (पु०) कमल अंबोह - (पु० ) भीड़
अंभ - सं० (पु० ) 1 जल 2 आकाश
अंभोज -सं० (पु०) 1 कमल 2 कपूर 3 चंद्रमा 4 शंख । योनि (पु० ) ब्रह्मा
अंश-सं० (पु० ) 1 भाग 2 कोण नापने की इकाई 3 भिन्नात्मक अंक 4 अंक, डिग्री। कालिक (वि०) कुछ समय के लिए; प्राही (पु० ) ~धारी (पु०) कुछ भाग लेनेवाला; दान थोड़ा योगदान; पत्र (पु० ) ऐसा पत्र जिसमें हिस्सेदारी का अंश लिखा गया हो; पूँजी + हिं० (स्त्री०) किसी व्यापार में लगाई गई पूँजी के हिस्से; भागी (पु० ) साझीदार, अंश का स्वामी; ~सूची (स्त्री०) शेष माल की सूची, हिस्सों की सूची
अंशक-सं० (वि०) अंश का
अंशतः सं० (क्रि० वि०) आंशिक रूप से अंशन -सं० (पु० ) विभाजन
अंशांकन -सं० (पु० ) 1 विभागों का क्रम निश्चित करना 2 डिग्री लगाना
अंशांकित - सं० (वि०) 1 क्रम से अंकित किया हुआ 2 जिस पर नापने के लिए चिह्न बने हों अंशांश - (पु० ) अंश का अंश
अंशांशतः सं० (क्रि० वि०) अंश अंश करके अंशी - सं० (वि०) 1 भागीदार 2 संपूर्ण
अंशु - सं० (पु० ) 1 सूर्य 2 किरण 3 वस्त्र । ~मान I (पु० ) सूर्य II ( वि० ) प्रभामय; माली (पु०) सूर्य अंशुक - सं० (पु० ) 1 दुपट्टा 2 थोड़ा प्रकाश अंह - सं० ( पु० ) 1 पाप 2 चिंता 3 व्यवधान अऋजु -सं० (वि०) 1 टेढ़ा 2 अनुचित अॠण-सं० (वि० ) कर्जहीन
अकंटक - सं० (वि०) 1 काँटों से रहित 2 व्यवधान से दूर अकंपन-सं० (पु० ) कंपन का न होना अकंपित - सं० (वि०) जो कँपा न हो