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षट्खंडागम की शास्त्रीय भूमिका
सिद्धान्त ग्रंथों की प्रतियों का इतिहास संग्रह करने के लिये हमने जो प्रश्नावली प्रकाशित की थी उसका जिन अनेक महानुभावों ने सूचनात्मक उत्तर भेजने की कृपा की। हम उन्हीं उत्तरों के आधार से पूर्वोक्त इतिहास प्रस्तुत करने में समर्थ हुए, इस हेतु हम इन सज्जनों का आभार मानते हैं।
धवलादि सिद्धान्त ग्रंथों की प्रति-उद्धार संबन्धी प्रश्नावली का उत्तर भेजने वाले सज्जनों की नामावली -
१. श्रीमान् सेठ रावजी सखारामजी दोशी, सोलापुर २. श्रीमान् लाला प्रद्युम्नकुमारजी रईस, सहारनपुर ३. श्रीमान् पंडित नाथूरामजी प्रेमी, बम्बई ४. श्रीमान् पं. लोकनाथजी शास्त्री, मंत्री, वीरवाणी सिद्धान्त भवन, मूडविद्री ५. श्रीमान् ब्र.शीतलप्रसादजी ६. श्रीमान् पं. देवकीनन्नदनजी सिद्धान्तशास्त्री, कारंजा ७. श्रीमान् सिंघई पन्नालालजी वंशीलालजी, अमरावती ८. श्रीमान् पं. मक्खनलालजी शास्त्री, मोरेना ९. श्रीमान् पं. रामप्रसादजी शास्त्री, श्री ऐ. पन्नालाल दि. जैन सरस्वती भवन, बम्बई १०. श्रीमान् पं. के.भुजवलीजी शास्त्री, जैन सिद्धान्त भवन, आरा ११. श्रीमान् पं. दयाचन्दजी न्यायतीर्थ, सत्तर्कसुधातरंगिणी पाठशाला, सागर १२. श्रीमान् सेठ वीरचंद कोदरजी गांधी, फलटन १३. श्रीमान् सेठ ठाकुरदास भगवानदासजी जव्हेरी, बम्बई १४.श्रीमान् सेठ मूलचन्द किशनदासजी कापड़िया, सूरत १५. श्रीमान् सेठ राजमल बड़जात्या, भेलसा १६. श्रीमान् गांधी नेमचंद बालचंदजी, वकील, उसमानाबाद १७. श्रीमान् बाबू कामताप्रसादजी, सम्पादक वीर, अलीगंज