Book Title: Sanskrit Hindi Kosh
Author(s): Vaman Shivram Apte
Publisher: Nag Prakashak

View full book text
Previous | Next

Page 23
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir सुखमाराध्यः-भर्तृ० २० 3. अजान, समझ की शक्ति । ञ्चिता सत्वरमुत्थितायाः ( रशना )-रघु० ७।१०, से हीन । अर्धगुंफित या पिरोया हुआ। सम०-भ्रूः धनुषाअज्ञात (वि.) [न० त०] न जाना हुआ,- अप्रत्याशित, कार या सुन्दर भौओं वाली स्त्री। अनजान-पातं सलिले ममज्ज-रघु० १६७२। सम० | अज (रुधा० पर० सक० अनिद) [कहीं कहीं-आत्मनेपद] -चर्या, बासः छिप कर रहना (पाण्डवों के विषय में- अनक्ति-अंक्ते, अक्त) 1. लेपना, सानना, रंग पोतना 'अज्ञातवास' प्रसिद्ध है)। 2. स्पष्ट करना, प्रस्तुत करना, चित्रण करना 3. अज्ञान (वि०) [न० ब०] अनजान, बेसमझ,-नं नि० जाना 4. चमकना 5. सम्मानित करना, समारंभ त०] 1. अनजानपना, 2. विशेष करके आध्यात्मिक करना 6. सजाना; प्रेर०-1 सानना, 2 बोलना, चमकना अज्ञान-अर्थात् अविद्या जिसके वशीभत हो कर मनुष्य उपसर्गों के साय, अधि--उपकरण जुटाना, सुसअपने आप को ब्रह्म से पथक समझता है तथा ज्जित करना; अभि-1. लीपना, सानना 2. कलषित भौतिक संसार की वास्तविकता को मानता है। सम- करना, मलिन करना, अभिवि-प्रकट करना, व्यक्त स्तपदों में 'अज्ञान' का अनुवाद 'अनजाने में' 'अनव- करना; आ- 1. लेप करना 2. सरल बनाना, तैयार धानता में' 'बेखबरी में किया जा सकता है। आच- करना, 3. सम्मानित करना, वि-प्रकट करना, व्यक्त रित, उच्चारित इत्यादि। करना, जाहिर करना-अकिञ्चनत्वं मखजं व्यक्तिअञ्च (म्वा० उभ० सक० वेट) [अञ्चति-ते, आनञ्च, रघु० ५।१६, शि० २६। अञ्चितं, अञ्च्यात-अंच्यात, अक्त-अञ्चित] 1. अञ्जनः [अज+ ल्युट (पश्चिम या दक्षिण-पश्चिम दिशा झुकाना; शिरोऽञ्चित्वा--भट्टि० ९।४० 2. जाना, के) रक्षक हाथी,-नं 1 लीपना पोतना, मिलाना हिलना, झुकाव होना--स्वतन्त्रा कथमञ्चसि-भटि० 2. प्रकट करना, व्यक्त करना 3. काजल या सुरमा जो ४१२२, त्वं चेदञ्चसि लोभम-भामि० ११४६ लालायित आंखों में लगाया जाता है;-विलोचन दक्षिणमञ्जनेन होना 3. पूजा करना, सम्मान करना, आदर, करना, सम्भाव्य--रघु० ७८, असत° उत्त० ४।१९, मच्छ० सुशोभित करना, सम्मानित करना दे० आगे 'अञ्चित' १४३४; (आलं. भी) अज्ञानान्धस्य लोकस्य ज्ञानाञ्जन 4. प्रार्थना-करना, इच्छा करना, 5. बुड़बुड़ाना, अस्पष्ट शलाकया। चक्षरुन्मीलितं येन तस्मै पाणिनये नमः ।। बोलना । प्रेर० या चु० उम०-प्रकट करना, प्रकाशित शिक्षा० ४५, तु०)दारिद्रयं परमांजनम् 4. लेप सौंदर्यकरना,-मुदमञ्चय-गीत०१०। उपसर्गों के साथ वर्धक उबटन 5. मसी 6. आग 7. रात्रि 8. (-नं, -ना) प्रयोग, अप-दूर करना, हटाना, हटजाना; आ- (सा० शा०) व्यंग्यार्थ, व्यंग्यार्थ के प्रकट होने की झुकाना; उत्-1. ऊपर उठना 2. उन्नत होना, प्रकट प्रक्रिया, अनेकार्थक शब्द का प्रयोग जिसका प्रसंगतः होना; उदञ्चनमात्सर्य-० ल०६, उप्-खींचना, विशेष अर्थ होता है-अनेकार्थस्य शब्दस्य वाचकत्वे (जल) ऊपर निकालना; नि-1. झुकाना, इच्छा करना नियन्त्रिते। संयोगाद्यैरवाच्यार्थधीकद्व्यापतिरञ्जनम् ।। 2. कम करना, अपेक्षा करना-न्यञ्चति वयसि प्रथमे- काव्य २, दे० 'व्यंजना' भी। सम-अंभस् ( नपुं० ) भामि० २।४७ परा-मोड़ना, मड़ना--याताश्चेन्न परा- आँख का पानी, शलाका सुरमा लगाने की सलाई। उचन्ति द्विरदानां रदा इव-भामि० १६५; परि-घुमाना, अञ्जना (अज+ल्युट-+-टाप् ) 1. उत्तर भारत की भंवर में डालना, मरोड़ना; वि-खींचना, नीचे को | हथिनी 2. हनुमान् या मारुति की माता । झुकना, फैलना, फैलाना; सम्-भीड़ करना, इकठे | अञ्जलि: [ अञ्ज + अलि 1 1 दोनों खले हाथों को हांकना, इकट्ठे झुकना। मिलाकर बनाया हुआ कटोरा, करसंपुट, अंजलिभर अञ्चल:-लं [ अञ्च+अलच् ] 1 वस्त्र का छोर या वस्तु-सुपूरो मषिकाञ्जलि:- पंच० ०२५, प्रकीर्णः किनारा, गोट या झालर---क्षीणाञ्चलमिव पीनस्तन पुष्पाणां हरिचरणयोरञ्जलिरयम-वेणी० १११, अंजलिजघनायाः-उद्भट, 2. कोना या आँख का बाहरी भर फल; इसी प्रकार-जलस्यांजलयो दश---या० कोण-दगञ्चल: पश्यति केवलं मनाक-उद्भट । ३।१०५, दस अंजलियां अर्थात जल से तर्पण ;-श्रवणाअञ्चित (भू० क० कृ०) [अंच्+क्त) 1 (क) मुड़ा हुआ, जलिपुटपेयम्-वेणी०११४; अंजलि रच,-बंध,-कृया झुका हुआ, रघु० १८१५८; (ख) धनुषाकार, सुन्दर -आषां, हाथ जोड़कर नमस्कार करना 2. अत एव (जैसे कि भौह); ०अक्षिपक्ष्मन् रघु० ५।७६; छल्ले- सम्मान या नमस्कार का चिह्न, रघु० १११७८; 3 दार, घंघराले (जैसे कि बाल); 2. सम्मानित, अलंकृत, अनाज की माप- कुडव । सम-कर्मन् ( नपुं०) सुशोभित, शोभायमान, सुन्दर; गतेषु लीलाञ्चित- हाथ जोड़ना, आदरयुत नमस्कार;-कारिका मिट्टी विक्रमेषु-कु० १।३४, ताभ्यां गताम्याम्-रघु २।१८, की गुडिया, पुट:-दं दोनों खुले हाथों को जोड़ने से बने ९।२४, 3. सिला हुला, बुना हुआ, व्यवस्थित-अर्धा | कटोरे के आकार का गर्त, हाथ की खुली हथेलियाँ। For Private and Personal Use Only

Loading...

Page Navigation
1 ... 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 143 144 145 146 147 148 149 150 151 152 153 154 155 156 157 158 159 160 161 162 163 164 165 166 167 168 169 170 171 172 173 174 175 176 177 178 179 180 181 182 183 184 185 186 187 188 189 190 191 192 193 194 195 196 197 198 199 200 201 202 203 204 205 206 207 208 209 210 211 212 213 214 215 216 217 218 219 220 221 222 223 224 225 226 227 228 229 230 231 232 ... 1372