Book Title: Ratna karavatarikadya sloka satarthi Author(s): Jinmanikyavijay, Bechardas Doshi Publisher: L D Indology AhmedabadPage 23
________________ नवीनतानी दृष्टिवाळा छे, एथी ए बधा अर्थों जेमांथी प्रगट थयेला छे ते 'सिद्धये' इत्यादि काव्य के श्लोक गूढचित्र काव्य कहेवाय. आचार्य हेमचन्द्रे चित्रकाव्यनी एक बीजी व्याख्या पण आपेल छ- "आश्चर्य हेतुत्वाद् वा चित्रम्" (पांचमो अध्याय काव्यानुशासन सूत्र ५) जे काव्य आश्चर्यजनक होय तेने पण चित्रकाव्य कहेवाय. प्रस्तुत 'सिद्धये' काव्य तेमां आवेलां पदो द्वारा आश्चर्य उपजावे एवा जुदा जुदा एक सो अगीयार अर्थोनुं स्थान छे माटे ज एनो समावेश चित्रकाव्यनी कोटिमां थाय छे. चित्रकाव्यनी कोटिमां बराबर समावेश पामे तेवां केटलांक जैनस्तोत्रो श्रीजैनयशोविजयग्रन्थमालामां बनारसथी प्रकाशित थयेलां छे. आ ग्रन्थमालाना नवमा मणकामां (स्तोत्रसंग्रहना प्रथमभाग पार्नु ९५थी तथा बीजो भाग पार्नु १थी तथा २४५थी २५१ सुधी) आवां स्तोत्रो छे. १. "आम्बारायण सेलडी खडहडी केलामतीरांगभं" ए जेना आदि लोकनु प्रथम पाद छे तथा आवा ज फलना नामवाळां बीजा ११ श्लोको छे. स्तोत्र कूल १२ श्लोकनु छे. तेमां ११ श्लोकोमा स्तोत्रकार महामहोपाध्याय साधुराजगणिए बधे फळोनां नामो गोठवेलां छे. वाचनारने ए बधां फळोनां नामो लागे पण अर्थनी दृष्टिए ए बधां नामोनो जुदो जुदो अर्थ छे-जैनस्तोत्रसंग्रह द्वितीय भाग पृ० १-२५. “अइउऋलसमानाः सन्ति लोका इदानीम्" इत्यादि १० लोकोमा स्तोत्रकार श्रीपाश्र्वचन्द्रमुनि पण्डिते सारस्वतव्याकरणनां सूत्रो गोठवेलां छ. जेमके 'अइउऋल समानाः। ह्रस्वदीर्घप्लुतभेदाः सवर्णाः । एऐओऔ सन्ध्यक्षराणि । उभये स्वराः । अवर्जा नामिनः । आद्यन्ताभ्याम् । हसा व्यञ्जनानि । सारस्वतव्याकरणनां आवां अनेक सूत्रो आ स्तोत्रमा गोठवेलां छे. जैनस्तोत्र संग्रह प्रथम भाग पृ. ९४-१०७. ____ लोकना प्रत्येक पादमां जेमा 'सारङ्ग' पदनो उपयोग करेल छे एवं स्तोत्र श्रीगुणबिजय गणिए रचेल छ भविकुमुदबोधनसारङ्गम् कोविदकोकनयनसारङ्गम् । आदि भाग स्वरमाधुर्यमथितसारङ्गम् । अन्त भाग वीरं भजत सुकृतसारङ्गम् --जैनस्तोत्रसंग्रह द्वितीय भाग पृ. २४५- २४९ । ए ज कर्तार्नु मात्र अकारयुक्तव्यञ्जनवाळु स्तोत्र नवमश्रमणपवरममरव्रज । परमशमक्षमसकलवदनकज ।-आदिभाग भव्यशरण रक्षक रतदमन-अन्तभाग जय जय मनरममदगलगमन ॥ पृ० २५१ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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