Book Title: Ratanchand Jain Mukhtar Vyaktitva aur Krutitva Part 1
Author(s): Jawaharlal Shastri, Chetanprakash Patni
Publisher: Shivsagar Digambar Jain Granthamala Rajasthan
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पं० रतनचन्द जैन मुख्तार : व्यक्तित्व और कृतित्व-१
卐अनुक्रम卐
व्यक्तित्व एवं छाया छवियाँ १ पं० रतनचन्द जैन मुख्तार : जीवन क्रम पं. जवाहरलाल जैन सि० शास्त्री २ पं० जी की विविध छाया छवियाँ
१-१२ १ से ८
आशीर्वचन, मंगलकामना, श्रद्धाञ्जलि और संस्मरण
३ सिद्धान्तज्ञागुणी स्व. रत्नचन्द्र : ४ मंगल भावना ५ अभीक्ष्णज्ञानोपयोगी ६ अन्तर्ध्वनि ७ स्वदेशे पूज्यते राजा, विद्वान् सर्वत्र पूज्यते ८ पण्डितरत्न
... ९ महोपकारी मुख्तारजी
१० समतायुक्त विद्वत्ता ११ मंगल कामना १२ जिनवाणी को चिरस्मरणीय सेवा १३ सरस्वती के उपासक : बाबूजी १४ स्वाध्याय ही परम तप है १५ स्याद्वाद शासन के समर्थ प्रहरी १६ मूक विद्याव्यासंगी १७ लघुकाय और अगाधज्ञान १८ प्रेरणास्पद व्यक्तित्व १९ मुख्तारजी की जैन शासन सेवा २. साधनारत महाविद्वान्
प. पू. आचार्य १०८ श्री अजितसागरजी महाराज १३ पू. मुनि १०८ श्री वर्धमानसागरजी महाराज १३ पू. १०५ प्रायिका श्री जिनमतीजी पू. १०५ प्रायिका श्री विशुद्धमतीजी पू. १०५ आर्यिका श्री आदिमतीजी पू. १०५ (स्व.) क्षुल्लक श्री सिद्धसागरजी मौजमाबाद पू. १०५ (स्व.) क्षुल्लक योगीन्द्रसागरजी पू. जिनेन्द्रवर्णी ब्र. लाडमलजी दशमप्रतिमाधारी ब्र. धर्मचन्द्र जैन शास्त्री ज्योतिषाचार्य (स्व.) ब्र. सुरेन्द्रनाथ जैन, ईसरी बाजार ब. पं. विद्याकुमार सेठी न्यायकाव्यतीर्थ । ब्र. पं. सुमेरुचन्द्र दिवाकर शास्त्री न्यायतीर्थ ब. कपिल कोटडिया, हिम्मतनगर पं. राजकुमार शास्त्री, निवाई पं. बंशीधर शास्त्री व्याकरणाचार्य, बीना (स्व.) श्री अगरचन्द नाहटा, बीकानेर पं. सत्यन्धरकुमार सेठी, उज्जैन
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