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- भव्य उद्यापन महोत्सव की उजवणी :
. .. शेठ श्री गणेशमलजी वनाजी की तरफसे १२ छोडका भव्य उद्यापन .. महोत्सव, बृहत् शान्ति स्नानं युक्त नमिऊण पूजन समेत दशान्हि का · महोत्सव पूर्वक भादों वदी ६ से भादों वदी १४ तक खूब शानदार रीत
से उजवाया गया था । जिसकी नोंध (समाचार) प्रवचनसार कर्णिका . गुजराती में दी है। : . .. विशाल पाया पर महामंगलकारी की उपधान तप को
. अद्भुत आराधना और मालारोपण ...... महोत्सव की उजवणी : . पूज्य गुरुदेव श्री के उपदेश से महा मंगलकारी श्री उपधान तप...
कराने का पुन्य मनोरथ हमको जागृत हुआ हमने हमारा मनोरथ पूज्य .. श्री के समक्ष उपस्थित किया । और आग्रह पूर्ण विनती की । उस . विनती का पूज्य गुरुदेव श्री ने स्वीकार किया । इस से संघ में अपूर्व..
आनन्द की लहर पैदा हो गई । उसके लिये जोरदार तैयारियां होने . : लगी। उसके लिये विशाल आमन्त्रण पत्रिका तैयार करके देश परदेश . . मैं रवाना की । और जैन पत्र में भी उसकी जाहेरात. की गई। .. आमन्त्रण . मिलते ही गाँव गाँव से भाविक आने लगे गाँव में अपूर्व
मानन्द की लहर दौड़ गई। : प्रथम प्रवेश :- आसो वदी २ का दिन ज्यों ज्यों नजदीक आता गया त्यों त्यों ' जन संख्या बढ़ने लगी। उस मंगल प्रभात में १५० भाविकोंने उपधान
तप में प्रवेश किया। द्वितीय प्रवेश :. आसो वदी ५ के मंगल प्रभात में ५० भाविकों ने प्रवेश किया। . २०० भाविकों से वातावरण आराधनामय बन गया था। नित्य