Book Title: Prakrit evam Sanskrit Sahitya me Gunsthan ki Avadharana
Author(s): Darshankalashreeji
Publisher: Rajrajendra Prakashan Trust Mohankheda MP
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प्राकृत एवं संस्कृत साहित्य में गुणस्थान की अवधारणा......
तृतीय अध्याय........{146) के प्रत्येक गुणस्थानवी जीवों के अल्प-बहुत्व की प्ररूपणा, जैसी सामान्य से बताई गई हैं, उसी के समान हैं । विशेष यह है कि चक्षुदर्शनवाले जीवों में असंयतसम्यग्दृष्टि गुणस्थानवी जीवों से मिथ्यादृष्टि गुणस्थानवी जीव असंख्यातगुणित हैं। अवधिदर्शनवाले जीवों के अल्प-बहुत्व की प्ररूपणा अवधिज्ञानियों के समान है । केवलदर्शनवाले जीवों के अल्प-बहुत्व की प्ररूपणा केवलज्ञानियों के समान है।
लेश्यामार्गणा में कृष्ण लेश्या, नील लेश्या और कापोतलेश्यावाले जीवों में सासादनसम्यग्दृष्टि गुणस्थानवर्ती जीव सबसे कम हैं। तीनों अशुभलेश्यावाले जीवों में सासादनसम्यग्दृष्टि गुणस्थानवर्ती जीवों से सम्यग्मिथ्यादृष्टि गुणस्थानवी जीव संख्यातगुणित हैं। तीनों अशुभलेश्यावाले जीवों में सम्यग्मिथ्यादृष्टि गुणस्थानवी जीव असंख्यातगुणित हैं। तीनों अशुभलेश्यावाले जीवों में असंयतसम्यग्दृष्टि गुणस्थानवी जीवों से मिथ्यादृष्टि गुणस्थानवी जीव अनन्तगुणित हैं। तीनों अशुभलेश्यावाले जीवों में असंयतसम्यग्दृष्टि गुणस्थान में क्षायिकसम्यग्दृष्टि जीव सवसे कम हैं। तीनों अशुभलेश्यावाले जीवों में असंयतसम्यग्दृष्टि गुणस्थानवर्ती क्षायिकसम्यग्दृष्टियों से उपशमसम्यग्दृष्टि जीव असंख्यातगुणित हैं। तीनों अशुभलेश्यावाले जीवों में असंयतसम्यग्दृष्टि गुणस्थानवर्ती उपशमसम्यग्दृष्टि जीवों से क्षायिकसम्यग्दृष्टि जीव असंख्यातगुणित हैं, विशेष यह है कि कापोतलेश्यावालों में असंयतसम्यग्दृष्टि गुणस्थान में उपशमसम्यग्दृष्टि गुणस्थानवी जीव सबसे कम हैं। कापोतलेश्यावालों में असंयतसम्यग्दृष्टि गुणस्थानवर्ती उपशमसम्यग्दृष्टियों से क्षायिकसम्यग्दृष्टि जीव असंख्यातगुणित हैं। कापोतलेश्यावालों में असंयतसम्यग्दृष्टि गुणस्थानवर्ती क्षायिकसम्यग्दृष्टियों से वेदक सम्यग्दृष्टि जीव असंख्यातगुणित हैं। तेजोलेश्यावाले और पद्मलेश्यावाले जीवों में अप्रमत्तसंयत गुणस्थानवी जीव सबसे कम हैं। तेजोलेश्यावालों में अप्रमत्तसंयत गुणस्थानवी जीवों से प्रमत्तसंयत गुणस्थानवर्ती जीव संख्यातगुणित हैं । प्रमत्तसंयत गुणस्थानवी जीवों से संयतासंयत गुणस्थानवी जीव असंख्यातगुणित हैं। तेजो और पद्मलेश्यावालों में संयतासंयत गुणस्थानवी जीवों से सासादनसम्यग्दृष्टि गुणस्थानवी जीव असंख्यातगुणित हैं। उपर्युक्त दोनों लेश्यावालों में सासादनसम्यग्दृष्टियों से सम्यग्मिथ्यादृष्टि गुणस्थानवी जीव संख्यातगुणित हैं, सम्यग्मिथ्यादृष्टि गुणस्थानवर्ती जीवों से असंयतसम्यग्दृष्टि गुणस्थानवी जीव असंख्यातगुणित हैं। तेजो और पद्मलेश्यावालों में असंयतसम्यग्दृष्टि गुणस्थानवर्ती जीवों से मिथ्यादृष्टि गुणस्थानवर्ती असंख्यातगुणित हैं। तेजो और पद्म - दोनों लेश्यावालों में असंयतसम्यग्दृष्टि, संयतासंयत, प्रमत्तसंयत और अप्रमत्तसंयत गुणस्थान में सम्यक्त्व सम्बन्धी अल्प-बहुत्व की प्ररूपणा सामान्य से बताए अनुसार है। शुक्ललेश्यावालों में अपूर्वकरणादि तीनों गुणस्थानों में उपशामक जीव प्रवेश की अपेक्षा तुल्य और संख्या में अल्प हैं। शुक्ललेश्यावालों में उपशान्तकषायवीतरागछद्मस्थ गुणस्थानवी जीवों के अल्प-बहुत्व का परिमाण पूर्वोक्त ही है। उपशान्तकषायवीतरागछद्मस्थ से क्षपक जीव संख्यातगुणित हैं। शुक्ललेश्यावालों में क्षीणकषायवीतरागछद्मस्थ गुणस्थानवी जीवों के अल्प-बहुत्व का परिमाण पूर्वोक्त ही है। शुक्ललेश्यावालों में सयोगीकेवली एवं अयोगीकेवली गुणस्थानवी जीव प्रवेश की अपेक्षा तुल्य हैं, उनका परिमाण पूर्वोक्त ही है। शुक्ललेश्यावालों में सयोगीकेवली गुणस्थानवी जीव संचयकाल की अपेक्षा अयोगीकेवली से संख्यातगुणित हैं। शुक्ललेश्यावालों में सयोगीकेवली गुणस्थानवी जीवों से अक्षपक और अनुपशामक अप्रमत्तसंयत गुणस्थानवी जीव संख्यातगुणित हैं। शुक्ललेश्यावालों में अप्रमत्तसंयत गुणस्थानवी जीवों से प्रमत्तसंयत गुणस्थानवी जीव संख्यातगुणित हैं, प्रमत्तसंयत गुणस्थानवी जीवों से संयतासंयत गुणस्थानवी जीव असंख्यातगुणित हैं। शुक्ललेश्यावालों में संयतासंयत गुणस्थानवी जीवों से सासादनसम्यग्दृष्टि गुणस्थानवी जीव असंख्यातगुणित हैं, सासादनसम्यग्दृष्टि गुणस्थानवी जीवों से सम्यग्मिथ्यादृष्टि गुणस्थानवी जीव संख्यातगुणित हैं, सम्यग्मिथ्यादृष्टि गुणस्थानवी जीवों से मिथ्यादृष्टि गुणस्थानवी जीव असंख्यातगुणित हैं। मिथ्यादृष्टि गुणस्थानवर्ती शुक्ललेश्यावाले जीवों से असंयतसम्यग्दृष्टि गुणस्थानवर्ती शुक्ललेश्यावाले जीव संख्यातगुणित हैं। शुक्ललेश्यावालों में असंयतसम्यग्दृष्टि गुणस्थान में उपशमसम्यग्दृष्टि जीव सबसे कम हैं । शुक्ललेश्यावालों में असंयतसम्यग्दृष्टि गुणस्थान में उपशमसम्यग्दृष्टियों से क्षायिकसम्यग्दृष्टि जीव असंख्यातगुणित हैं, क्षायिकसम्यग्दृष्टियों से वेदकसम्यग्दृष्टि संख्यातगुणित हैं। शुक्ललेश्यावालों में संयतासंयत, प्रमत्तसंयत और अप्रमत्तसंयत गुणस्थान में सम्यक्त्व सम्बन्धी अल्प-बहुत्व
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