Book Title: Prakrit evam Sanskrit Sahitya me Gunsthan ki Avadharana
Author(s): Darshankalashreeji
Publisher: Rajrajendra Prakashan Trust Mohankheda MP
View full book text ________________
Jain Education Intemational
३
१०४ सर्वघाती
कर्मोदय द्वार १०५ | सर्वघातिक
२०
19
سه
प्रकृतियोदय
द्वार १०६ | देशघाती ४
कर्मोदय द्वार १०७ | देशपाती कर्म | २५
प्रकृतियोदय
२६
२५२५२५२५ १६ १३१२
४४ ४
४७
दा
४४
का
.४४
१०८ अघाती
कर्मोदय द्वार १०६ | अघाती कर्म ७३
५१७६ प्रकृतियोदय
द्वार ११० समुच्चय ११७
११७११११००१०४७
७६ - ७२
६६
०
९
७
४२
१२
For Private & Personal Use Only
५
११
४१
|४६५०
५६६२
६
६५
०
११०
प्रकृतियोदय
द्वार १११ । समुच्चय
कमोदय
युच्छेद द्वार ११२ कर्म प्रकृति
उदय ब्युच्छेद
द्वार ११३ समुच्चय कर्म
उदीरणा द्वार
o
|
.
५-२
११४
ज्ञानावरण उदीरणा द्वार
परिशिष्ठ-१.......{483}
www.jainelibrary.org
Loading... Page Navigation 1 ... 537 538 539 540 541 542 543 544 545 546 547 548 549 550 551 552 553 554 555 556 557 558 559 560 561 562 563 564 565 566