Book Title: Prakrit evam Sanskrit Sahitya me Gunsthan ki Avadharana
Author(s): Darshankalashreeji
Publisher: Rajrajendra Prakashan Trust Mohankheda MP

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Page 557
________________ प्राकृत एवं संस्कृत साहित्य में गुणस्थान की अवधारणा...... परिशिष्ठ-२........{501} नियमसार वाचना प्रमुख :- आचार्य कुन्दकुन्द हिंदी अनुवाद :- पं. परमेष्ठीदास गुजराती अनुवाद :- पं. हिम्मतलाल जेठालाल प्रस्तावना :- डॉ. हुकमचंद भारिल्ल | प्रकाशन :- साहित्य प्रकाशन एवं प्रचार विभाग, श्री कुन्दकुन्द कहान दिगम्बर जैन तीर्थ सुरक्षा ट्रस्ट, ए-४ बापूनगर, जयपुर मुद्रक :- प्रिन्स ऑफसेट प्रिंटर्स, १५१०, पटौदी हाऊस दरियागंज, दिल्ली-११०००६ पंचमावृत्ति - १ मार्च १९८४ निरियावलिकासूत्र वाचना प्रमुख :- आचार्य तुलसी, सम्पादक :- आचार्य महाप्रज्ञ प्रकाशन :- जैन विश्व भारती लाडनूं (राज.) प्रकाशन तिथि :- वि.सं. २०४५ कार्तिक कृष्णा १३ सन् १९८६ मुद्रक : एस. नारायण एण्ड सन्स (७११७), १८, पहाड़ी धीरज, दिल्ली-६ नियुक्तिसंग्रह लेखक :- भद्रबाहु विरचित संपादक :- विजय जिनेन्द्रसूरि प्रकाशिका :- श्री हर्ष पुष्पामृत जैन ग्रन्थमाला, लाखाबावल शांतिपुरी (सौराष्ट्र) वी.सं. २५१५ वि.सं. २०४५ ई. १६८६ प्रथमावृत्ति निसिथाध्ययनसूत्र वाचना प्रमुख :- आचार्य तुलसी संपादक :- युवाचार्य महाप्रज्ञ प्रकाशन : जैन विश्व भारती लाडनूं (राजस्थान) मुद्रक : श्री वर्धमान प्रेस, नवीन शाहदरा, दिल्ली-११०००३२ द्वितीय संस्करण : वि. सं. २०५७, वीर.नि.सं. २५२७ सन् मार्च २००० निरतिशयनानेश सम्पादक :- इन्दरचन्द बैद प्रकाशन : समता शिक्षा सेवा संस्थान, देशनोक ३३४८०१, (बीकानेर) वर्ष २००१ मुद्रक : सांखला प्रिन्टर्स, सुगन निवास, चन्दरसागर, बीकानेर ३३४००१ प्रश्नव्याकरण वाचनाप्रमुख :- आचार्य तुलसी, संपादक :-मुनि नथमलजी प्रकाशन : जैन विश्व भारती लाडनूं (राज.) प्रकाशन तिथि :- वि.सं. २०१३ मुद्रक : एस. नारायण एण्ड सन्स (७११७), १८, पहाड़ी धीरज, दिल्ली-६ प्रशमरति प्रकरण लेखक: उमास्वातिजी म. विवेचक:- मोतीलाल गिरधरलाल कापड़िया प्रकाशन :- श्री महावीर जैन विद्यालय, ओगस्ट क्रान्ति मार्ग, मुम्बई - ४०००३६ मुद्रक : ठाकोर भाई गोविन्द भाई शाह, शारदा मुद्रणालय, पानकोर नाला, गाँधी मार्ग, अहमदाबाद - ३८०००१ वि.सं. - २०४२ प्रज्ञापनासूत्र वाचना प्रमुख :- आचार्य तुलसी, सम्पादक :-आचार्य महाप्रज्ञ प्रकाशन :- जैन विश्व भारती लाडनूं (राज.) प्रकाशन विधि :- वि.सं. २०४५ कार्तिक कृष्णा १३ सन् १९८६ मुद्रक :- एस. नारायण एण्ड सन्स (७११७), १८, पहाड़ी धीरज, दिल्ली-६ Jain Education Intemational For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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