Book Title: Prakrit evam Sanskrit Sahitya me Gunsthan ki Avadharana
Author(s): Darshankalashreeji
Publisher: Rajrajendra Prakashan Trust Mohankheda MP

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Page 556
________________ प्राकृत एवं संस्कृत साहित्य में गुणस्थान की अवधारणा.. परिशिष्ठ-२........{500) तत्त्वार्थसूत्र टीका : हरिभद्रसूरिजी टीकाकार :- हरिभद्रसूरिजी प्रकाशन :- श्रेष्ठि ऋषभदेवजी केशरीमलजी, जैन श्वेताम्बर संस्था, रतलाम (मध्यप्रदेश) मुद्रक :- सोहनलाल मगनलाल बदामी, जैनानंद प्रिंटिंग प्रेस, दरियामहल सूरत (गुजरात) वीर.सं. २४६२, वि.सं. १६६२, ई.सन् १६३६ प्रथम संस्करण तत्त्वार्थसूत्र टीका : सिद्धसेनसूरिजी भाग - 1-2 टीकाकार :- सिद्धसेनसूरिजी, संशोधक :- रसिकदास हीरालाल प्रथम संस्करण :- वि.सं. १९८२ वीर.नि.सं. २४५२ मुद्रण : एम.एन. कुलकर्णी कर्नाटक प्रिंटिंग प्रेस, ३१८/ए ठाकुरवार, बम्बई प्रकाशन :- जीवनचंद साकरचंद जवेरी, ट्रस्टी सेठ देवचंद लालबाई जैन पुस्तकोद्धार फंड, ११४/११६ जवेरी बाजार, बम्बई दशवैकालिकसूत्र वाचना प्रमुख :- आचार्य तुलसी संपादक :- युवाचार्य महाप्रज्ञ प्रकाशन :- जैन विश्व भारती लाडनूं (राजस्थान) मुद्रक : श्री वर्धमान प्रेस, नवीन शाहदरा, दिल्ली-११०००३२ द्वितीय संस्करण : वि.स. २०५७ वीर.नि.सं. २५२७ सन् मार्च २००० दसाओ वाचना प्रमुख :- आचार्य तुलसी संपादक :- युवाचार्य महाप्रज्ञ प्रकाशन :- जैन विश्व भारती लाडनूं (राजस्थान) मुद्रक : श्री वर्धमान प्रेस, नवीन शाहदरा, दिल्ली-११०००३२ द्वितीय संस्करण : वि.स. २०५७ वीर.नि.सं. २५२७ सन् मार्च २००० दर्शन और चिंतन : खण्ड भाग-1-2 लेखक :- पं. सुखलालजी प्रकाशक:- पं. सुखलालजी सन्मान समिति, गुजरात विद्यासभा भद्र, अहमदाबाद-१ मुद्रक : प्रथम काण्ड : श्री परेशनाथ घोष सरला प्रेस, गदेलिया, बनारस, श्री राजेन्द्र गुप्त श्री शंकर मुद्रणालय, बनारस नंदीसूत्र वाचना प्रमुख :- आचार्य तुलसी संपादक :- युवाचार्य महाप्रज्ञ प्रकाशन :- जैन विश्व भारती लाडनूं (राजस्थान) मुद्रक : श्री वर्धमान प्रेस, नवीन शाहदरा, दिल्ली-११०००३२ द्वितीय संस्करण : वि.स २०५७ वीर.नि.सं. २५२७ सन् मार्च २००० नंदीसूत्र देववाचक विरचित अनुवादक :- जैन साध्वी उमराव कुंवरजी 'अर्चना' सम्पादन :- कमलाबेन 'जीजी' प्रकाशन :- श्री आगम प्रकाशन समिति ब्यावर (राजस्थान) मुद्रक : सतीशचंद्र शुक्ल, वैदिक यंत्रालय, केसरगंज, अजमेर द्वितीय संस्करण :- वी.नि.सं. २५१७ वि.सं. २०४८ सन् अगस्त १६६१ नंदीसूत्र टीका : हरिभद्र सूरी सम्पादक :- मुनि पुण्य विजय प्रकाशन :- प्राकृत ग्रन्थ परिषद्, वाराणसी-५ दलसुख भाई मालवणिया, सेक्रेटरी, प्राकृत टेक्स्ट सोसायटी मुद्रक : जयंतिलाल दलाल, बंसत प्रिंटिंग प्रेस, घी कांटा, घेलाभाईजी वाड़ी, अहमदाबाद-१ वी.नि.सं. २४१३ वि.सं. २०२३ सन् १९६६ Jain Education Intemational For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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