Book Title: Prakrit evam Sanskrit Sahitya me Gunsthan ki Avadharana
Author(s): Darshankalashreeji
Publisher: Rajrajendra Prakashan Trust Mohankheda MP
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१५३ । नाम भंगद्वार | १३६२६
1१११३
|२१२ १५४ गोत्र भंगद्वार | ५ १५५ । अन्तराय
भंगद्वार १५६ । तंधी के भींगे | १० १५७ | इयावही -३
भंगद्वार १५. मूल भावद्वार ३ .
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१५६ ओदयिक
पावद्वार १६० उपशमिक
भावद्वार १६१ क्षयोपशमिक | ११
भावद्वार | १६२ यायिक
भावद्वार १६३ | परिणामिक
भावद्वार १६४ | सन्निपातिक
भावद्वार १६५ | समुच्चय,
भावभेदद्वार १६६ / श्रेणीद्वार १६७ | कर्मभेदद्वार १६८ कर्म निर्जरा
द्वार १६६ दशकरण |१०
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