Book Title: Prakrit evam Sanskrit Sahitya me Gunsthan ki Avadharana
Author(s): Darshankalashreeji
Publisher: Rajrajendra Prakashan Trust Mohankheda MP
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|३१
२६
२६
|१८
१८
२४० | समुद्घात
द्वार २४१ । देवदार २४२ | परिणामी
द्वार २४३ |करण द्वार |५० २४४ | निवृत्ति द्वार ७४ २४५ आश्रवद्वार ४१ २४६ | संवर द्वार 10 २४७ / निर्जरा द्वार | अकाम २४८ | निर्जरा भेद
12
७४
४०
०
50...
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सकाम
०
द्वार
२४६ | करणी फल | सफल
.
उजिन
स्पर्श करें |
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२५० तीर्थकर
ग्रेजोपार्जन २५१ | तीर्थकरस्पर्शना
द्वार २५२ | मुक्ति द्वार |
के कारण (ज्ञान,
२
की २ की सत्ता २
दर्शन
ब्रान ४
४
सत्ता
दर्शन,
चारित्र, और तप)
बिन्दी है सो नास्तिका चिह्न है, और ऐसे कामा का चिह्न है, वह पुनरावृत्ति का चिह्न है।
परिशिष्ठ-१........14
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