Book Title: Prakrit evam Sanskrit Sahitya me Gunsthan ki Avadharana
Author(s): Darshankalashreeji
Publisher: Rajrajendra Prakashan Trust Mohankheda MP
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६
११५ | दर्शनावरणी
कर्म उदीरणा
IN
०
०
०
४२
३७
।
|
११६ | वेदनीय कर्म
उदीरणा द्वार ११७ | मोहनीय कर्म
उदीरणा द्वार ११८ आयुकर्म ४
उदीरणा द्वार ११६ नामकर्म .
उदीरणा द्वार १२०
उदीरणा द्वार १२१ अन्तराय
उदीरणा द्वार १२२ समुच्चय |११७
कर्म प्रकृति
उदीरणा द्वार १२३ | कर्मोदय
उदीरणा
व्युच्छेद द्वार १२४ कर्म प्रकृति |५
उदीरणा .
युच्छेद द्वार १२५ | समुच्चय
कम सत्ता
१११
१००
१०४
७३
६३ | ६३
५७ ५७५६५२ ३८०
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२
११२२
१८
-
३५
४१ ४६५३५६६५६६७०३
१२६ जानावरणी
कर्मसत्ताधार १२७ दर्शनावरणीय
म सत्ता द्वार
परिशिष्ठ-१........{484}
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