Book Title: Prakrit evam Sanskrit Sahitya me Gunsthan ki Avadharana
Author(s): Darshankalashreeji
Publisher: Rajrajendra Prakashan Trust Mohankheda MP
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प्राकृत एवं संस्कृत साहित्य में गुणस्थान की अवधारणा....
पंचम अध्याय........{347}
सास्वादन गुणस्थान में बन्धहेतु का चित्र
बन्ध हेतु संख्या | योग | वेद
क्रमांक
वै.मि.में नपुंसक वेद का अभाव
कुलमंग
युगल
कषाय
कायवध
अविरति
भय
/विकल्प
|
१छः कायवध सहित १
१५ बन्धहेतु | १३x
३६-१]x२ ।
१५२०
२
।
पांच कायवध तथा भय सहित | १३x १५ बन्धहेतु
| x२ | ४४ | x६ | ४५ | १= |- | ८१२०
३] पांच कायवध
तथा जुगुप्सा | १३x सहित १५ बन्धहेतु
३3
| x२ | x४ | x६ |
XY
x१
१२०
१
चार कायवध भय तथा जुगुप्सा सहित १५ बन्धहेतु
३६-१]x२ |
४ x४ | x१५
१ x५
x
x१ |
२८००
कुल भंग
४२५६०
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