Book Title: Prakrit evam Sanskrit Sahitya me Gunsthan ki Avadharana
Author(s): Darshankalashreeji
Publisher: Rajrajendra Prakashan Trust Mohankheda MP
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'प्राकृत एवं संस्कृत साहित्य में गुणस्थान की अवधारणा.....
पंचम अध्याय........{360)
देशाविरति गुणस्थान मैं बन्धहेतुओं के भंग/विकल्प
क्रमांक
कायवध
कषाय
युगल
बन्ध हेतु संख्या बन्ध हेतु
|विकल्प
योग
भय
जुगुप्सा
कुलमंग /विकल्प
।
एक कायवध
६६००
कुलभंग
६६००
कायवध
१३२००
एक कायवष तथा
भय
| ११४
१
.
६००
एक कायवध तथा
१
६६००
जुगुप्सा
कुल मंग | २६४००
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