Book Title: Prakrit evam Sanskrit Sahitya me Gunsthan ki Avadharana
Author(s): Darshankalashreeji
Publisher: Rajrajendra Prakashan Trust Mohankheda MP
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प्राकृत एवं संस्कृत साहित्य में गुणस्थान की अवधारणा...
पंचम अध्याय........{343}
सास्वादन गुणस्थान में बन्धहेतु का चित्र
क्रमांक
बन्ध हेतु संख्या | योग | वेद
नपुंसकवेद में वै.मि. काययोग का अभाव
युगल |
कषाय
कायवध
अविरति
| भय जुगुप्सा कुलभंग
| भय
गुप्तविकल्प
|
-
एक कायवध सहित १० बन्धहेतु
१३x |
- ६१२० | कुल | भांगा| ६१२०
३६- १४२
|
|
दो कायवध सहित ११ बन्धहेतु
१३x | ३=
३६-१]x२x
|-
|- | २२८००
|
* |
२एक कायवध तथा| १ भय सहित ११ | १३x
बन्धहेतु
| १ |
३= | ३६-१
५४ | १= |-
६१२०
एक कायवध भय तथा जुगुप्सा १ १ सहित ११ | १३x | ३% | ३६-
१ बन्धहेतु
४२ |
x४ | x६ | x५ |-
|
| ६१२०
४१०४०
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