Book Title: Prakrit evam Sanskrit Sahitya me Gunsthan ki Avadharana
Author(s): Darshankalashreeji
Publisher: Rajrajendra Prakashan Trust Mohankheda MP
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प्राकृत एवं संस्कृत साहित्य में गुणस्थान की अवधारणा......
पंचम अध्याय........{330)
उदय विच्छेद
क्रमांक
गुणस्थान
ज्ञानावरणीय
वेदनीय
मोहनीय
आयुष्य
नाम
योग
० | अन्तराय
| मिथ्यात्व
ما به اسم |
२ सास्वादन
०
११
| ० ००००० दर्शनावरणीय
३ मिश्र
०
२२
१२
०
१८
अविरतसम्यग्दृष्टि ५ | देशविरत
|
|
०
२३
| ० | १० | २
000000००००० | गोत्र
६ प्रमत्तसंयत
२४
०
४१
७|अप्रमत्तसंयत
०
४६
०
ها به اسم اسد اسد اسد اسد اسد اسد اسد
२१
०
०
अपूर्वकरण ६ अनिवृत्तिकरण १० सूक्ष्मसंपराय ११ उपशान्तमोह १२ क्षीणमोह १३ सयोगीकेवली १४ अयोगीकेवली
६२
| ० | ३ | ० | १४ | ३ । | ० | ३ | ० | १५ | ३ ।
३ । २८ ३ | ० ।
२८ | . | ३ | ० | २७ | ३ | २८
० ३ ० | २८ ३ । २८
० | ५ | 0 | २८ | ३ २८ | ५ ६ ० २८ । ३ । २६ | ५ | | १ | २८ । ३
०
६३
६५
८०
५५
११०
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