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( ६५ ) ९२-कई पुस्तकों में ऋषभदेवादि के मुँह पर० , ९३-क्या पुस्तकों में झूठ ही लिख दिया है ? , ९४-आप मुँहपत्ती का प्रति लेखन करते हो ? , ९५-हमने तो यह विधान आज ही सुना है ? , ९६-क्रिया के समय ठवणी पर क्या रखते हो ?,, ९७- यह क्यों ? ९८-हमारे तो पूज्य जो को आज्ञा लेते हैं ?
९९--श्री सोमन्धर स्वामि की आज्ञा लेते हैं ? १००--महाविदह क्षेत्र के तीर्थङ्कर हैं ? १०१-वे तीर्थकर हैं उनकी आज्ञा लेना क्या अनु०,, १०२-क्या कारण है ? १०३-ईशान कोन में कल्पना कर लेते हैं ? १०४-पांच पदों में मूर्ति किस पदमें है ? , १०५-चार शरणों में मूर्ति किस शरणा में है ? १०६-सूत्रों में अरिहन्तों का शरणा कहा है पर १०७-भगवान् ने तो दान शोल तप भाव-धर्म , १०८-पूजा में तो हम धामधूम देखते हैं ? , १०९-पूजा में श्राप क्या कहते हो ? ११०-आप बाजे बजाते वख्त वह क्या गाते हो ? ,, १११-तप संयम से कर्मों का क्षय तो क्या मूर्ति पू० ? ११२-अष्टमी चतुदर्शी में भी फल क्यों चढ़ाते हैं ? ,, ११२-साधुओं को तो अचित आहार दिया जाता है।, ११४-पानी से साध्वी निकालना तो भ०आज्ञा है , ११५ -भगवान् ने कब कहा तुम हमारी पूजा करो?,,
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