Book Title: Murtipooja ka Prachin Itihas
Author(s): Gyansundarvijay
Publisher: Ratna Prabhakar Gyan Pushpmala

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Page 575
________________ ....................... सचित्र श्रोसवाल कुल भूषण - धर्मवीर समरसिंह यह एक मौलिक ऐतिहासिक ग्रन्थ है । यों तो समरसिंह के विषय में कई एक पुस्तकें प्रकाशित हुई हैं, परन्तु इस ग्रन्थ की रचना शैली वास्तव में कुछ निराली ही है। इसमें २५०० ढाई हजार वर्ष पूर्व की ऐतिहासिक घटनाएं, जैन धर्म एवं ओसवाल जाति पर बड़ा भारी प्रभाव डाल रही है। इसके पढ़ने से पाठकों के हृदय में एक ज़बरदस्त बिजली का सा असर होगा। समाज उत्थान के लिये ऐसी पुस्तकों का पढना परमावश्यक है। इसमें ४०० पृष्ठ व ८ चित्र होते हुवे भी प्रचार निमित्त मूल्य मात्र रु० १।) रक्खा गया है। शेष पुस्तकों के लिए सूचीपत्र देखिये जो इसी पुस्तक के अन्त में छपा है। मिलने का पता - श्रीरत्नप्रभाकर ज्ञानपुष्पमाला मु० फलोदी [ मारवाड़ ] Jain Education International ................ For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org


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