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चूना खडो का लेप लग जाने से फोटू साफ नहीं आया है।
तीर्थश्री ओसियाँ के प्राचीन मन्दिर में जैनाचार्य केसामने स्थापनाजी और हाथ में मुँहपती हैं
यदि यह मूर्ति जो मन्दिर की मूल प्रतिष्ठा के समय बनाई गई हो तो इसको आज २३९३ वर्ष हुए निःशंक कहा जा सकता हैं ।
तथापि यह प्राचीनता का एक सबल प्रमाण है।
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